बनी सहमति: कैबिनेट और एमसीआइ को भेजा जायेगा प्रस्ताव, रिम्स बनेगा विश्वविद्यालय शासी परिषद ने दी मंजूरी

रांची : रिम्स की शासी परिषद की बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने बताया कि रिम्स को विश्वविद्यालय बनाने का फैसला लिया गया है. इसका प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जायेगा. स्वास्थ्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि रिम्स को विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) को भी भेजा जायेगा. एमसीआइ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2017 7:33 AM
रांची : रिम्स की शासी परिषद की बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने बताया कि रिम्स को विश्वविद्यालय बनाने का फैसला लिया गया है. इसका प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जायेगा.

स्वास्थ्य सचिव सुधीर त्रिपाठी
ने कहा कि रिम्स को विश्वविद्यालय बनाने का प्रस्ताव मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) को भी भेजा जायेगा. एमसीआइ से सहमति मिलने के बाद राज्य सरकार इसकी अधिसूचना जारी कर देगी. विश्वविद्यालय बनने के बाद रिम्स एमबीबीएस की परीक्षा स्वयं ले पायेगा अौर परीक्षाफल भी निकाल पायेगा. इसके अलावा बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी का कोर्स शुरू करने पर निर्णय लिया गया. उम्मीद है कि यह कोर्स अगले सत्र से शुरू हो जायेगा.
जांच मुफ्त होने से कम होगी काउंटर की भीड़
शासी परिषद की बैठक में तय हुआ कि रिम्स में 250 रुपये तक की जांच नि:शुल्क होगी. इसके बाद लोगों को जांच के लिए काउंटरों पर परची कटाने के लिए लाइन नहीं लगाना होगा. इससे कैश काउंटर पर होनेवाली भीड़ कम होगी. वहीं, नर्सिंग कॉलेज की मान्यता के लिए फैकल्टी की बहाली का फैसला भी लिया गया. इसके अलावा नर्सिंग कॉलेज की स्थायी समस्या के निदान के लिए रिम्स ‘झारखंड नर्सिंग सेवा शर्त नियमावली’ को अपनायेगा.
एंबुलेंस के लिए जारी किया जायेगा हॉट लाइन
बैठक में एंबुलेंस के लिए हॉट लाइन नंबर जारी करने, 10 एंबुलेंस को खरीदने या आउटसोर्सिंग करने पर भी सहमति बनी. डेंटल कॉलेज की समस्या और प्राचार्य के वेतनमान में वृद्धि करने पर भी निर्णय लिया गया. इंटरनल ऑडिट को महालेखाकार के पास भेजने का निर्णय भी लिया गया. इसके अलावा अनुबंधित दैनिक कर्मचारियों का इपीएफ कटौती करने पर सदस्य सहमत हुए. शासी परिषद
की बैठक में कांके विधायक डॉ जीतू चरण राम, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश पांडेय, रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल, डॉ आरके श्रीवास्तव, सांसद प्रतिनिधि राजकिशोर आदि मौजूद थे.
डॉ एसके चौधरी के शामिल होने पर हैरानी
अधीक्षक डॉ एसके चौधरी के अचानक बैठक में शामिल होने के निर्णय की रिम्स में चर्चा रही. रिम्स सभागार के बाहर लोग यह बात करते दिखे कि अधीक्षक शासी परिषद के सदस्य नहीं होते है, फिर उन्हें कैसे शामिल किया गया? स्वास्थ्य मंत्री से पत्रकारों ने पूछा कि एक्ट में सरकार के अादेश पर प्रतिष्ठित चिकित्सकों को शामिल किया जा सकता है. इस पर मंत्री ने कहा कि वह एक्ट में दिखवा लेंगे. आगे इसका पालन भी किया जायेगा. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि डॉ चौधरी के निदेशक के कार्यकाल की जांच भी की जायेगी.
नियमावली का नहीं कर सकता उल्लंघन : वीसी
बैठक में रिम्स में पूर्णकालिक डीन नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा गया. रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रमेश पांडेय ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि वह नियमावली का उल्लंघन नहीं कर सकते हैं. डीन का कार्यकाल तय होता है.

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