25 लाख के इनामी कान्हू मुंडा ने अपने दस्ते के सात नक्सलियों के साथ किया सरेंडर
जमशेदपुर: गुड़ाबांदा के महेशपुर गांव स्थित फुटबॉल मैदान में बुधवार को 25 लाख के इनामी कान्हू मुंडा उर्फ मंगल उर्फ अर्जुन ने अपने दस्ते के सात सदस्यों के साथ सरेंडर कर दिया. इसमें 10 लाख का इनामी व कई हत्याओं का आरोपी फोगड़ा मुंडा भी शामिल है. सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में दोपहर 12.30 बजे […]
जमशेदपुर: गुड़ाबांदा के महेशपुर गांव स्थित फुटबॉल मैदान में बुधवार को 25 लाख के इनामी कान्हू मुंडा उर्फ मंगल उर्फ अर्जुन ने अपने दस्ते के सात सदस्यों के साथ सरेंडर कर दिया. इसमें 10 लाख का इनामी व कई हत्याओं का आरोपी फोगड़ा मुंडा भी शामिल है. सैकड़ों ग्रामीणों की मौजूदगी में दोपहर 12.30 बजे भाकपा माओवादी के बीजेओ-बीआरसी (बंगाल-झारखंड-ओड़िशा बॉर्डर रिजनल कमेटी) सचिव कान्हू मुंडा ने इंसास राइफल के साथ सरेंडर किया. फोगड़ा मुंडा पर इनाम का प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा गया था, जो अभी लंबित है.
महेशपुर गांव में सरेंडर करनेवाले उक्त नक्सलियों को बस से शाम चार बजे गोलमुरी पुलिस लाइन लाया गया. वहां आयोजित समारोह में सरेंडर नीति के तहत उक्त नक्सलियों को डीआइजी के समक्ष हथियार के साथ सरेंडर कराया गया. डीआइजी प्रभात कुमार ने कान्हू मुंडा पर रखे गये इनाम की राशि 25 लाख रुपये का चेक उसकी पत्नी बैशाखी मुंडा को सौंपा. इसके अलावा अन्य छह नक्सलियों को सहायता राशि के रूप में 10-10 हजार का चेक प्रदान किया गया. इस मौके पर पूर्वी सिंहभूम के एसएसपी अनूप टी मैथ्यू, ग्रामीण एसपी शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल, एसपी अभियान प्रणव आनंद झा, कमांडेट शिव कुमार भी मौजूद थे.
कान्हू इंसास व भोगलु व जितेन ने पिस्टल लेकर किया सरेंडर : गोलमुरी पुलिस लाइन में कान्हू सिंह मुंडा ने डीआइजी प्रभात कुमार को इंसास राइफल सौंपी और सरेंडर किया. भोगलु सिंह और जितेन मुंडा ने पिस्टल के साथ सरेंडर किया. चुन्नू मुंडा दस्ते में सबसे कम उम्र का सदस्य है.
मंच पर नक्सली और नीचे बैठाया गया था परिजनों को : गोलमुरी पुलिस लाइन में सरेंडर करने वाले सातों नक्सलियों को मंच पर बैठे पुलिस के वरीय अधिकारियों ने साथ में बैठाया और उनके परिजनों को मंच से नीचे किनारे में बैठाया गया. पुलिसकर्मी नक्सली के परिजनों की खातिरदारी में नजर आये.
कान्हू पर 47 और फोगड़ा पर 24 मामले हैं दर्ज : डीआइजी प्रभात कुमार ने बताया कि कान्हू मुंडा पर सबसे अधिक 47 मामले दर्ज हैं. जबकि भोगलू सिंह पर 21, जितेन मुंडा पर 10, चुन्नू मुंडा पर 5, फोगड़ा मुंडा पर 24, शंकर मुंडा पर 07 और काजल मुंडा पर 03 मामले दर्ज हैं.
पहले भिजवाये हथियार, आधे घंटे बाद पहुंचे नक्सली : जिला पुलिस की तरफ से महेशपुर गांव में सामुदायिक पुलिसिंग कार्यक्रम के तहत फुटबॉल मैच का आयोजन किया गया था. वहीं दूसरी ओर पुलिस की एक टीम गांववालों की मदद से कान्हू मुंडा और उसके सदस्यों के आने का इंतजार कर रही थी. गांव से तीन किलोमीटर दूर पर कान्हू मुंडा अपने दस्ते के सदस्यों के साथ मौजूद था. कान्हू ने सरेंडर करने से पहले पुलिस के समक्ष कुछ शर्त रखी थी. पुलिस ने सुबह दस बजे शर्त मानने की सूचना ग्रामीण की मदद से कान्हू तक पहुंचायी. इसके बाद पौने 12 बजे कान्हू मुंडा ने पुलिस को पहले हथियार सौंप दिया और आधे घंटे बाद वह अपने छह साथियों के साथ सरेंडर करने फुटबॉल मैदान पहुंच गया.
स्कॉर्पियो से नक्सलियों को लेकर पहुंची पुलिस : मैदान में फुटबॉल मैच चल रहा था. इसी बीच दोपहर 12.30 बजे एक स्कॉर्पियो से कान्हू मुंडा और फोगड़ा मुंडा तथा अन्य वाहन से नक्सली शंकर मुंडा, उसकी पत्नी काजल मुंडा, भुगलू सिंह, जितेन मुंडा, चुनू मुंडा वहां पहुंची. इसके बाद सभी को मंच पर ले जाया गया, जहां सभी ने पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष सरेंडर किया.
माला पहना और शॉल ओढ़ा कर हुआ स्वागत : मंच पर कान्हू मुंडा समेत सातों नक्सलियों का एसएसपी अनूप टी मैथ्यू समेत अन्य पदाधिकारियों ने माला पहना और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया. इसके बाद सभी नक्सलियों के नाम की घोषणा की गयी.
मंच पर नक्सलियों के परिजन थे मौजूद : मंच पर कान्हू मुंडा के पिता योगेश्वर मुंडा, मां लखी मुंडा, पत्नी बैशाखी मुंडा, शंकर मुंडा के पिता इंद्रजीत मुंडा, मां फेती मुंडा, भुगलू सिंह के पिता जगन्नाथ सिंह, जितेन मुंडा के पिता काना मुंडा और चुनू मुंडा के पिता डाटु मुंडा मौजूद थे.
नक्सलियों ने बच्चों के बीच बांटे स्कूल बैग : सरेंडर करनेवाले नक्सलियों के हाथों पुलिस ने बच्चों के बीच स्कूली बैग बंटवाये. कान्हू मुंडा की पत्नी बैशाखी मुंडा और पिता योगेश्वर मुंडा ने भी स्कूल बैग बांटे. इसके बाद एसएसपी व अन्य पुलिस पदाधिकारियों के साथ नक्सलियों ने खिचड़ी खायी.
सरेंडर करने से मन को शांति मिली है. बंदूक किसी समस्या का समाधान नहीं है. मुख्यधारा से जुड़ने के लिए मैंने अपने दस्ते के सभी सदस्यों के साथ सरेंडर कर दिया.
– कान्हू मुंडा, सचिव, बीजेओ-बीआरसी.
बेटे ने सरेंडर कर दिया. अच्छा हुआ. मैं काफी दिनों से सरेंडर करने को कह रहा था.
– योगेश्वर मुंडा, कान्हू मुंडा के पिता.
इन्होंने किया सरेंडर
1. कान्हू राम मुंडा उर्फ मंडल जी (सचिव, बंगाल-झारखंड-ओड़िशा बॉर्डर रिजनल कमेटी) गांव जियान, थाना गुड़ाबांदा
2. फोगड़ा मुंडा उर्फ अजय उर्फ राजेश, गांव जमुआ
3. चुन्नु मुंडा उर्फ राकेश, गांव जियान, थाना गुड़ाबांदा
4. भोगलू सिंह, गांव जियान, थाना गुड़ाबांदा
5. शंकर मुंडा, गांव जियान, थाना गुड़ाबांदा
6. जितेन मुंडा, गांव जियान, थाना गुड़ाबांदा
7. काजल मुंडा, पत्नी शंकर मुंडा, गांव जियान, थाना गुड़ाबांदा
सौंपे गये हथियार : एक इनसास रायफल, दो िपस्तौल, सैकड़ों कारतूस और दो मैगजीन