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250 करोड़ की लागत से खुलेगा स्किल डेवलपमेंट सेंटर : भट्टाचार्य

रांची : कोल इंडिया के चेयरमैन एस भट्टाचार्य ने कहा कि कोल इंडिया का भारत सरकार के नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन के साथ एमओयू हुआ है. इसके तहत 250 करोड़ रुपये की लागत से रांची में एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोला जायेगा. इसमें कोल इंडिया के विस्थापितों के परिजनों को प्रशिक्षित किया जायेगा. इसका लाभ […]

रांची : कोल इंडिया के चेयरमैन एस भट्टाचार्य ने कहा कि कोल इंडिया का भारत सरकार के नेशनल स्किल डेवलपमेंट मिशन के साथ एमओयू हुआ है. इसके तहत 250 करोड़ रुपये की लागत से रांची में एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोला जायेगा. इसमें कोल इंडिया के विस्थापितों के परिजनों को प्रशिक्षित किया जायेगा. इसका लाभ ठेके पर काम करनेवाले श्रमिकों को भी मिलेगा.

चेयरमैन गुरुवार को मोमेंटम झारखंड पर आयोजित तकनीकी सेमिनार में बोल रहे थे. इसका विषय माइनिंग एंड मिनिरल डेवलपमेंट : झारखंड में निवेश की संभावना था. चेयरमैन ने कहा कि देश के एक-एक व्यक्ति के शरीर में झारखंड है. यहीं के माइंस से स्टील और कोयले से ऊर्जा बनती है. कोल इंडिया की चार कंपनियां झारखंड में कार्यरत हैं. लोग कहते हैं कि खनन सस्टेनेबल होना चाहिए. यह ठीक है कि खनन और पर्यावरण के लिए सस्टेनेबल होना आसान नहीं है, लेकिन आर्थिक रूप से सस्टेनेबल होने के लिए खनन जरूरी है. कोल इंडिया झारखंड में कई संभावना देख रहा है. उत्पादन बढ़ाना है. यहां के खनन की सुरक्षा में ड्रोन कैमरे का प्रयोग करना है.

आइएसएम के साथ मिलकर काम करेंगे : क्वींसलैंड गवर्नमेंट, ऑस्ट्रेलिया की ट्रेड व इनवेंस्टेमेंट कमीशनर सैंड्रा डाइथेलम ने कहा कि क्वींसलैंड ऑस्ट्रेलिया का खनन वाला इलाका है. वहां के अनुभव को आइएसएम, धनबाद के साथ शेयर करना चाहते हैं. इसके लिए एमओयू हुआ है. इसका फायदा आनेवाले दिनों में दिखेगा.
10 एमटीपीए स्टील प्लांट लगायेंगे : वेदांता लिमिटेड के सीइओ टॉम अलबेनिस ने कहा कि कंपनी झारखंड में 10 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) स्टील प्लांट लगायेगी. एक एमटीपीए का एक स्टील पिग प्लांट लगाने की योजना है. फिलहाल 2500 करोड़ रुपये का निवेश झारखंड में होगा. कंपनी ने झारखंड सीएसआर का काम शुरू कर दिया है. वेदांता देश में खनन के क्षेत्र में सबसे अाधुनिक तकनीकी का प्रयोग कर रहा है. झारखंड सरकार को भूमि अधिग्रहण और फॉरेस्ट क्लीयरेंस में सहयोग करना चाहिए. इससे विकास की गति और तेज होगी.
ज्यादा से ज्यादा जियोलॉजिस्ट तैयार करें : हिंडालको के एमडी सतीश पाई ने कहा कि झारखंड में मिरनल के डाटा बेस को और मजबूत करने की जरूरत है. माइंस के ऑक्शन की प्रक्रिया जल्द पूरी करनी चाहिए. भूमि अधिग्रहण और वन पर्यावरण क्लीयरेंस की प्रक्रिया जल्द पूरी करनी चाहिए. इसके लिए व्यवस्था में शामिल लोगों को प्रैक्टिकल होना होगा. खनन उद्योग में आज काम करनेवाले तकनीकी लोगों को जरूरत है. इसे पूरा किया जाना चाहिए.
हर संभव सहयोग करेगा झारखंड :ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि झारखंड सरकार उद्यमियों को हर संभव सहयोग करेगी. झारखंड में खान-खनिज होने के बाद भी यह राज्य पीछे है. इसके पिछड़ेपन को दूर करने की जरूरत है. इस मौके पर एनएमडीसी के निदेशक प्रोडक्शन पीके सत्पथी ने भी विचार रखे.
अवैध खनन रोकने के लिए मोबाइल एप
भारत सरकार के खान विभाग के सचिव बलविंदर कुमार ने कहा कि भारत सरकार खनन के क्षेत्र में तकनीकी का प्रयोग करना चाहती है. इसके लिए मोबाइल एप विकसित किया जा रहा है. झारखंड में इसका प्रयोग होगा. झारखंड में कुल 280 खनन ब्लॉक हैं. इनमें से 30 ब्लॉक की नीलामी होनेवाली है. झारखंड की कंपनियों को क्लीन खनन की दिशा में काम करना चाहिए. राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण व फॉरेस्ट क्लीयरेंस से होनेवाली परेशानियों को दूर करना चाहिए.

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