संगोष्ठी में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा, लाह उत्पादन की उन्नत तकनीकों का हो प्रसार

नामकुम: भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान में शुक्रवार को रिसेंट ट्रेंड इन बायोपॉलिमर्स विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया. मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि इन दो दिनों में विचार विमर्श के पश्चात तैयार होनेवाली अनुशंसा किसानों व उद्योग के लिए लाभदायक साबित होगी. लाह झारखंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2017 1:40 AM
नामकुम: भारतीय प्राकृतिक राल एवं गोंद संस्थान में शुक्रवार को रिसेंट ट्रेंड इन बायोपॉलिमर्स विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ किया गया. मुख्य अतिथि केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि इन दो दिनों में विचार विमर्श के पश्चात तैयार होनेवाली अनुशंसा किसानों व उद्योग के लिए लाभदायक साबित होगी.

लाह झारखंड व आसपास के राज्यों का एक महत्वपूर्ण वनोत्पाद है तथा इस क्षेत्र में किये गये अनुसंधान कार्य से लाह उत्पादन की उन्नत तकनीक प्राप्त होगी. केंद्रीय मंत्री ने संस्थान के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया व उन्नत तकनीकों के प्रसार पर जोर दिया. उन्होंने किसानों को उनके उत्पादों के लिए समुचित मूल्य दिये जाने तथा इसके लिए हर संभव कदम उठाने की बात भी कही.

विशिष्ट अतिथि नाबार्ड के महाप्रबंधक प्रभाकर बेहरा ने कहा कि आइआइएनआरजी व नाबार्ड किसानों की सहायता के लिए प्रयासरत है तथा एक-दूसरे के सहयोग से कृषकों व ग्रामीणों को लाभ पहुंचाने का कार्य आगे भी जारी रहेगा. इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष संजय सेन ने प्राकृतिक राल व गोंद की खेती व संग्रहण को पर्यावरण के बेहद अनुकूल बताया. कहा कि प्राकृतिक उत्पादों के प्रति बढ़ते रुझान से इनका महत्व काफी बढ़ा है.

उन्होंने कहा कि संगोष्ठी के निष्कर्ष इस क्षेत्र के लिए लाभदायक होंगे. संगोष्ठी में सात लीड लेक्चर तथा लगभग 20 आलेख प्रस्तुत किये जायेंगे. इसमें झारखंड के अतिरिक्त तमिलनाडु, हिमाचल प्रदेश, केरल, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्यों के अग्रणी वैज्ञानिक, शिक्षाविद अनुसंधानकर्ता भाग ले रहे हैं. कार्यक्रम के अंतर्गत तीन लीड लेक्चर सत्र, दो तकनीकी सत्र तथा एक पोस्टर सत्र आयोजित किये जायेंगे. मौके पर संस्थान के निदेशक डॉ केवल कृष्ण शर्मा, डॉ निरंजन प्रसाद, डॉ एम जेड सिद्दीकी, डॉ अंजेश कुमार उपस्थित थे.

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