महोत्सव से मिलती है सर्वधर्म की प्रेरणा

तीन दिवसीय इटखोरी महोत्सव शुरू. मंत्री अमर बाउरी ने किया उदघाटन, कहा इटखोरी इतिहास के पन्नों में अंकित इटखोरी गाथा नामक पुस्तक का किया गया विमोचन रांची-इटखाेरी : इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर परिसर में रविवार को तीन दिवसीय इटखोरी महोत्सव शुरू हुआ. उदघाटन राज्य के कला सांस्कृतिक व राजस्व मंत्री अमर बाउरी ने किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2017 1:23 AM

तीन दिवसीय इटखोरी महोत्सव शुरू. मंत्री अमर बाउरी ने किया उदघाटन, कहा

इटखोरी इतिहास के पन्नों में अंकित
इटखोरी गाथा नामक पुस्तक का किया गया विमोचन
रांची-इटखाेरी : इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर परिसर में रविवार को तीन दिवसीय इटखोरी महोत्सव शुरू हुआ. उदघाटन राज्य के कला सांस्कृतिक व राजस्व मंत्री अमर बाउरी ने किया. श्री बाउरी ने कहा कि ऐसे आयोजन से हमारा गौरव बढ़ेगा व क्षेत्र का विकास होगा. उन्होंने कहा कि महोत्सव से सर्वधर्म की प्रेरणा हमें मिलती है. इटखोरी तीन धर्मों का संगम स्थल है. इटखोरी इतिहास के पन्नों में अंकित है. उक्त स्थल को विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग लगा है. इस दौरान इटखोरी गाथा नामक पुस्तक का भी विमोचन किया. इससे पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत सर्वधर्म संभाव के साथ रंगीन गुब्बारा छोड़ कर की गयी. इसके पूर्व जैन समाज के लोगों ने उन्हें अपने धर्म से संबंधित प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया.
बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए इटखोरी अहम स्थल : एन दोरजी
बोधगया की तर्ज पर भद्रकाली में विकास की असीम संभावनाएं हैं. वर्तमान में कई ऐसे स्थल हैं, जहां बौद्ध आते हैं. इटखोरी भी उनमें एक हो सकता है, बस जरूरत है इसे विकसित करने की. उक्त बातें बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य सचिव नागजेय दोरजी ने इटखोरी महोत्सव के उदघाटन समारोह में कही. उन्होंने कहा कि मैं यहां दूसरी बार आया हूं. जिला प्रशासन व सांसद इटखोरी को विकसित करने के लिए सराहनीय प्रयास कर रहे हैं.
पर्यटन क्षेत्र बन रहा है इटखोरी : भंते
इटखोरी में पर्यटन के क्षेत्र में संभावना बन सकती है. ऐसा कम ही दिखता था. किंतु सांसद के प्रयास से आज यह साबित हो चला है. उक्त बातें भंते तिस्सावरो ने इटखोरी महोत्सव में कही. कहा कि वर्तमान सरकार व चतरा के सांसद ने दिखाया कि विकास के लिए सक्ष्म सोच व दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए. कहा कि इटखोरी के विकसित होने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. महोत्सव के संफल संचालन के लिए उन्होंने प्रशासन की सराहना की.
इटखोरी देता है समाज को जोड़ने का संदेश : सांसद
वेद, उपनिषद में उल्लेख है चतरा की गाथा. भद्रकाली, केल्हुआ परहा का उल्लेख है. समय के प्रवाह में चतरा की तसवीर धूमिल हो चली थी. अब इसकी पुरानी तसवीर में नया रंग भरा जा रहा है. उक्त बातें सांसद सुनील कुमार सिंह ने कही. आज इटखोरी की ख्याति दूर-दूर तक फैल रही है. सांसद ने कहा कि इटखोरी महोत्सव के माध्यम से जिले की पहचान बदल रही है. इटखोरी तीन धर्मों का संगम स्थल है.

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