मौलाना आजाद ने नजरबंदी के चार वर्ष रांची में बिताये
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रण्य नेता व देश विभाजन के सख्त विराेधी, हिंदू-मुसलिम एकता के प्रबल समर्थक, शायर-पत्रकार-लेखक, इस्लामिक विज्ञान, दार्शनिक, देश के प्रथम शिक्षा मंत्री, एकमात्र एेसे भारत रत्न जिन्हाेंने लगभग चार वर्ष अपनी नजरबंदी की अवधि रांची में बितायें. माैलाना अबुुल कलाम आज़ाद का जन्म मक्का की पवित्र सरजमीं में हुआ. माैलाना आज़ाद […]
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रण्य नेता व देश विभाजन के सख्त विराेधी, हिंदू-मुसलिम एकता के प्रबल समर्थक, शायर-पत्रकार-लेखक, इस्लामिक विज्ञान, दार्शनिक, देश के प्रथम शिक्षा मंत्री, एकमात्र एेसे भारत रत्न जिन्हाेंने लगभग चार वर्ष अपनी नजरबंदी की अवधि रांची में बितायें. माैलाना अबुुल कलाम आज़ाद का जन्म मक्का की पवित्र सरजमीं में हुआ. माैलाना आज़ाद का परिवार मक्का से आकर कलकत्ता में बसा. बचपन से ही तेज दिमाग के अबुल कलाम मुहीउद्दीन अहमद ने लिखना शुरू किया. लार्ड कर्जन ने 1905 में बंगाल का विभाजन किया जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदु-मुसलिम काे बांटना था.
माैलाना आज़ाद पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा. क्रांतिकारी गतिविधियाें में भी आजाद जुड़े, परंतु उनकी रुचि लेखन में अधिक थी और उन्हाेंने अल-हिलाल और अल-बलाग नाम से दाे अखबार निकाले और इसके जरिये अंगरेजाें पर कड़ा प्रहार किया. अंगरेजों ने विचलित हाेकर एक के बाद दूसरा अखबार बंद करवाया दिया और उन्हें बंगाल से निष्कासित कर दिया.
माैलाना आजाद रांची आये और यहां लेखन का कार्य जारी रखा. हिंदू-मुसलिम एकता काे मजबूती प्रदान की. मदरसा इस्लामिया और अंजुमन इस्लामिया की स्थापना की. जनवरी 1920 में गांधी जी से उनकी मुलाकात हुई अौर फिर माैलाना आजाद उनके हर आंदाेलन में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेने लगे. देश विभाजन काे राेकने के लिए माैलाना आज़ाद ने अथक प्रयास किया. महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, सरदार पटेल काे मनाते रहे. लेकिन मो अली जिन्ना बंटवारे पर अड़े थे. अंतत: देश का बंटवारा हुआ. माैलाना आजाद भारत से पाकिस्तान जानेवाले मुसलमानाें काे राेकने का प्रयास करते रहे.
डॉ मो जाकिर, शिक्षक, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, रांची कॉलेज