17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची नगर निगम फिर जंग का मैदान बना : इस बार CCTV कैमरा बना मुद्दा, मेयर ने कहा…वरना जाऊंगी कोर्ट

रांची : नगर निगम स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बुधवार को मेयर आशा लकड़ा ने प्रेस वार्ता की. इसमें उन्होंने कहा कि शहर में 71 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने हैं. इसके लिए जो टेंडर निकाला गया था, उसमें एेसी शर्तें रखी गयी थीं, जो केवल ब्राइट न्यून कंपनी ही पूरा कर सकती थी. […]

रांची : नगर निगम स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बुधवार को मेयर आशा लकड़ा ने प्रेस वार्ता की. इसमें उन्होंने कहा कि शहर में 71 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने हैं. इसके लिए जो टेंडर निकाला गया था, उसमें एेसी शर्तें रखी गयी थीं, जो केवल ब्राइट न्यून कंपनी ही पूरा कर सकती थी. यानी यह टेंडर केवल नाम के लिए निकाला गया था, जिसकी पूरी प्रक्रिया सुनियोजित थी.
मेयर ने कहा : इस मामले में रांची नगर निगम की प्रतिष्ठा दावं पर लगी हुई है. मैं चुप नहीं बैठूंगी. अगर नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने इस टेंडर को रद्द नहीं किया, तो मैं कोर्ट की शरण लूंगी. अगर आज मैं चुप रह जाती हूं, तो भविष्य में मेरे ऊपर में कई गंभीर आरोप लगेंगे. मेयर ने कहा कि इस टेंडर को रद्द करने के लिए उन्होंने तीन बार नगर आयुक्त को पत्र भी लिखा, लेकिन नगर आयुक्त ने उन्हें अनसुना कर दिया. आज ब्राइट न्यून कंपनी का चयन हो चुका है और उसे एग्रीमेंट करने के लिए आमंत्रित भी किया गया है.
सीसीटीवी लगाने के लिए मांगा होर्डिंग का अनुभव : मेयर की मानें तो टेंडर शुरू से ही त्रुटिपुर्ण रहा है. इसमें सीसीटीवी लगाने के लिए होर्डिंग लगाने का अनुभव मांगा गया है. भला सीसीटीवी लगाने के लिए होर्डिंग की शर्त क्यों रखी गयी? ऐसा इसलिए ताकि ब्राइट कंपनी को फायदा मिल सके. जिन 71 स्थलों पर सीसीटीवी लगाने की शर्त रखी गयी थी. उन स्थलों में 31 स्थलों पर पहले से ही ब्राइट न्यून के होर्डिंग हैं.
ब्राइट कंपनी पर मेयर ने पहले भी लगाये हैं कई आरोप : मेयर ने तीन माह पहले ही ब्राइट कंपनी पर सात करोड़ रुपये प्रतिवर्ष घोटाला करने का आरोप लगाया था. मेयर ने उस समय कहा था कि जब शहर के एलइडी लाइट लगाने व उसका मेंटेनेंस करने का काम सूर्या कंपनी को दिया गया है, तो ब्राइट कंपनी उन बिजली के खंभों पर कैसे होर्डिंग लगा रही है?
मेयर ने इस पर भी खड़े किये सवाल
ब्राइट को सीसीटीवी का काम कितने वर्षों के लिए सौंपा गया है, यह स्पष्ट नहीं है. टेंडर पेपर में कहीं पर पांच वर्ष तो कहीं पर 10 वर्ष लिखा हुआ है.
होर्डिंग लगाने का काम तो कोई भी कर सकता है, लेकिन सीसीटीवी लगाने का काम किसी टेक्निकल कंपनी से कराना चाहिए था, जो नहीं हुआ है.
सीसीटीवी कैमरा की क्वालिटी और ब्रांड क्या होगा, इसका जिक्र नहीं है. हो सकता है कि जिसे काम सौंपा गया है, वह किसी चालू कंपनी का कैमरा लगा दे. Àसीसीटीवी कैमरा का रिकॉर्डिंग कितने दिनों तक बैकअप में रहेगा, इसका भी जिक्र टेंडर में नहीं किया गया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें