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झारखंड ने ठुकराया, छत्तीसगढ़ ने अपनाया

उपेक्षा. छत्तीसगढ़ ने देश के पहले मोबाइल थिएटर शो की शुरुआत की विवेक चंद्र रांची : मोमेंटम झारखंड के शोर के बीच झारखंड सरकार अपने राज्य में मोबाइल या मूविंग थिएटर की शुरुआत कराने का मौका चूक गयी. छत्तीसगढ़ ने देश के पहले मोबाइल थिएटर शो की शुरुआत करा भारतीय सिनेमाघरों के इतिहास में जगह […]

उपेक्षा. छत्तीसगढ़ ने देश के पहले मोबाइल थिएटर शो की शुरुआत की
विवेक चंद्र
रांची : मोमेंटम झारखंड के शोर के बीच झारखंड सरकार अपने राज्य में मोबाइल या मूविंग थिएटर की शुरुआत कराने का मौका चूक गयी. छत्तीसगढ़ ने देश के पहले मोबाइल थिएटर शो की शुरुआत करा भारतीय सिनेमाघरों के इतिहास में जगह बना ली.
रविवार से छत्तीसगढ़ के कोरबा में मोबाइल थिएटर के जरिये फिल्मों का प्रदर्शन शुरू कर दिया गया. मोबाइल थिएटर का संचालन करनेवाली कंपनी पिक्चर टाइम ने चार महीने पहले ही झारखंड में शो की शुरुआत करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन कंपनी को सरकार की ओर से कोई रिस्पांस नहीं दिया गया. इसके बाद कंपनी ने छत्तीसगढ़ का रुख कर लिया. छत्तीसगढ़ में तीन दिनों के अंदर मोबाइल थिएटर को टैक्स फ्री करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में फिल्मों के प्रदर्शन की अनुमति प्रदान कर शो की शुरुआत करा दी गयी. पिक्चर टाइम के जरिये सेंसर बोर्ड के सलाहकार सदस्य अशोक शरण और सुशील चौधरी ने देश में मोबाइल थिएटर की शुरुआत की है.
श्री शरण रांची के ही रहनेवाले हैं. वह बताते हैं : स्वाभाविक रूप से मोबाइल थियेटर की शुरुआत के लिए झारखंड पहली पसंद था, पर प्रस्ताव देने के बाद लंबे इंतजार ने हमें निराश कर दिया. फिर हमने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के पीए को फोन लगाया. मुख्यमंत्री से अगली सुबह का समय मिला. 20 मिनट की बातचीत के बाद उन्होंने मोबाइल थिएटर को टैक्स फ्री करते हुए इसके प्रदर्शन की अनुमति प्रदान कर दी. सभी कार्यवाहियों को पूरा कर तीसरे दिन से कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में फिल्मों का प्रदर्शन शुरू कर दिया गया. श्री शरण कहते हैं : हमने सरकार से जमीन या सब्सिडी जैसा कोई सहयोग नहीं मांगा. झारखंड में मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों को टैक्स में छूट दी जाती है.
प्रदर्शन की अनुमति प्रदान की जाती है. हमने मौजूदा नियमों के तहत ही मोबाइल थिएटर के संचालन की अनुमति मांगी थी. डिजिटल क्रांति के तहत गांवों तक सरकार की पहुंच बनाने में सहयोग करने की बात की थी, परंतु झारखंड में किसी पदाधिकारी ने सुध नहीं ली. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के सामने प्रस्तुतीकरण दिया. जनसंपर्क विभाग और मुख्यमंत्री के सलाहकार को प्रस्ताव दिया. कई लोगों से मुख्यमंत्री का समय दिलाने की गुहार लगायी, पर कहीं से कोई जवाब नहीं मिला. वहीं, छत्तीसगढ़ में हर तरह के उद्योग को बढ़ाने के लिए आतुर सरकारी व्यवस्था देख कर दंग रह गया. वहां हमारा स्वागत किया गया. अनुमति लेने के लिए कहीं भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ी. सिंगल विंडो सिस्टम के जरिये दूसरे दिन ही सभी कार्यवाही पूरी कर ली गयी.
क्या है मोबाइल या मूविंग थिएटर
मोबाइल या मूविंग थिएटर ग्रामीण भारत को ध्यान मेंरख कर डिजाइन किया गया 60/80 क्षेत्रफल वाला पोर्टेबल टेंट है. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में दर्शक मल्टीप्लेक्स या सिनेमाघरों की तरह बड़ी स्क्रीन पर फिल्मों का मजा ले सकते हैं. सीधे सेटेलाइट से जुड़े होने की वजह से 18/8 फिट स्क्रीन वाले इस डॉल्बी डिजिटल थिएटर पर फिल्म रिलीज की जा सकती है.
इसमें कुल 150 सीटें हैं. पिक्चर टाइम ने क्षेत्रीय फिल्मों के लिए टिकट की दर 30 रुपये और अन्य फिल्मों के लिए 50 रुपये निर्धारित की है. मोबाइल थिएटर में माइक्रो एटीएम, इ-बैंकिंग जैसी कई सुविधाएं हैं. इसके 200 मीटर के क्षेत्र में फ्री वाई-फाई सुविधा भी मिलती है. इन सबके अलावा यह विडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराता है. इसका इस्तेमाल फिल्म के प्रमोशन में किया जाता है. वैसे, सरकार चाहे तो मोबाइल थिएटर का इस्तेमाल सुदूर क्षेत्रों तक सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए भी कर सकती है.

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