जेएमएम बताये, पूंजीपतियों को राज्यसभा चुनाव में क्यों दिया वोट
रांची : आदिवासी-मूलवासियों के लिए घड़ियाली आंसू बहानेवाले जेएमएम को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर उसने राज्यसभा में इन वर्गों को दरकिनार कर किशोरी लाल, मुक्तिनाथ उपाध्याय, आरके आनंद, केडी सिंह जैसे बड़े पूंजीपतियों को राज्यसभा के चुनावों में वोट क्यों दिया. ये बातें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने जेएमएम के उस बयान […]
रांची : आदिवासी-मूलवासियों के लिए घड़ियाली आंसू बहानेवाले जेएमएम को स्पष्ट करना चाहिए कि आखिर उसने राज्यसभा में इन वर्गों को दरकिनार कर किशोरी लाल, मुक्तिनाथ उपाध्याय, आरके आनंद, केडी सिंह जैसे बड़े पूंजीपतियों को राज्यसभा के चुनावों में वोट क्यों दिया.
ये बातें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने जेएमएम के उस बयान पर दिया है, जिसमें मुख्यमंत्री को पूंजीपतियों का प्रवक्ता बताया गया है. श्री शाहदेव ने कहा कि जेएमएम का ये कहना कि मुख्यमंत्री ने मोमेंटम झारखंड के बाद राज्य को पूंजीपतियों के हाथ बेच दिया, बेहद हास्यास्पद है. झारखंड आंदोलन को बेचने का इतिहास जेएमएम का रहा है, चाहे वह केंद्र में नरसिम्हा राव के शासन काल का समय हो या बिहार का लालू राज हो.
जब जेएमएम ने अलग राज्य को छोड़ कर झारखंड एरिया ऑटोनोमस काउंसिल की गद्दी पर बैठने के लिए आंदोलन को बेच दिया था. उन्होंने कहा कि स्थानीय नीति की घोषणा के बाद हो रही नियुक्तियां, सीएनटी-एसपीटी एक्ट के सरलीकरण से आदिवासी मूलवासी वर्गों में उत्साह बढ़ा है. मोमेंटम झारखंड की सफलता ने देश-विदेश में राज्य का डंका बजा दिया है. इससे जेएमएम बदहवास होकर अनर्गल बयानबाजी कर रहा है.