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श्रीश्री रविशंकर ने की झारखंड सरकार व नक्सलियों के बीच मध्यस्थता की पेशकश

undefined रांची: आर्ट अॉफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने झारखंड में नक्सलियों और सरकार के बीच वार्ता के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश की है. रांची के स्टेट गेस्ट हाउस में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि झारखंड में हिंसा कम हुई है. डर–भय में कमी आयी है. झारखंड में 10 सालों में काफी बदलाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2017 8:44 AM

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रांची: आर्ट अॉफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने झारखंड में नक्सलियों और सरकार के बीच वार्ता के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश की है. रांची के स्टेट गेस्ट हाउस में पत्रकारों से उन्होंने कहा कि झारखंड में हिंसा कम हुई है. डर–भय में कमी आयी है. झारखंड में 10 सालों में काफी बदलाव आया है. नक्सली घटनाओं में कमी आयी है. नक्सली मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं.

वो अब बुलेट छोड़कर बैलेट अपना रहे हैं. नक्सलियों की सोच में परिवर्तन आया है. झारखंड में कई क्षेत्रों में परिवर्तन आया है. सड़कें अच्छी बन गयी हैं, लेकिन राज्य में प्रदूषण बढ़ रहा है. राज्य के लोगों को प्रदूषण कम करने की पहल शुरू करने की जरूरत है. राज्य में नक्सली घटना कम होना अच्छी बात है.

आर्ट ऑफ लिविंग ने लातेहार जेल से अपनी यात्रा शुरू की थी, जिसमें कई नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ा गया है. अभी तक 1500 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं. अब वे बेहतर जीवन बिता रहे हैं. सात प्रतिशत नक्सली बचे हुए हैं. उम्मीद है कि यह भी जल्द समाप्त हो जायेगा. नक्सली सरकार की नीति पर जल्द विश्वास नहीं करते. सरकार भी अपना वादा नहीं निभा पाती है, इस कारण नक्सली मुख्यधारा से जुड़ नहीं पाते हैं. उन्होंने कहा कि वे सरकार की नीति व नक्सलियों के बीच मीडियेटर का काम करेंगे. उनसे हिंसा का मार्ग छोड़ने का आग्रह करेंगे. श्री श्री ने कहा कि आजकल तीन प्रकार के नक्सली हैं. एक नक्सल अपने सिद्धांत पर चल रहे हैं. एक पैसा उगाही में और तीसरा पैसा बनाने में लगा हुआ है. नक्सलियों को बताना होगा कि समर्पण ही उनके पास एक रास्ता है. सरकार की नीति के तहत नक्सली आत्म समर्पण करे.

श्रीश्री ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग संस्था ऑर्गेनिक फॉर्म पर काम कर रही है. देशभर में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है. कई किसानों ने आर्गेनिक खेती को अपनाना शुरू कर दिया है. श्री श्री ने कहा कि झारखंड में संस्था की ओर से 450 स्कूल चलाये जा रहे हैं. जिसमें 53 हजार से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं. किसानों को मदद कर रहे हैं. उन्हें मार्केट उपलब्ध करा रहे हैं. देशभर में 30 नदियों का पुनर्जीवन दिया गया. संस्था चैरिटी के माध्यम से सहयोग कर रही है.

श्री श्री ने कहा कि युवाओं के बीच सोशल मीडिया हावी होता जा रहा है. सोशल मीडिया का प्रयोग कम होना चाहिए. इसके लिए कानून बनाया जाये या इसके प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. साथ ही मीडिया की जिम्मेवारी बनती है कि समाज में गलत संदेश नहीं जाये और वस्तुस्थिति को सही तरीके से पेश करे. श्रीश्री ने कहा कि देश की मीडिया अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ गया है. कोई भी मीडिया ऐसा नहीं है, जिसे दुनिया भर के लोग उसे देखे. छोटी जगह से निकले बीबीसी, सीएनएन ने आज दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रखा है. लोग उन पर विश्वास करते हैं.

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