आश्रितों को पांच वर्षों से नहीं मिल रही नौकरी
रांची: राजधानी रांची के सरकारी विद्यालयों में आश्रितों को पांच वर्षों से नौकरी नहीं मिल रही है. अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने को लेकर अनुशंसित आश्रितों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से हस्तक्षेप की मांग की है. उनका कहना है कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की तरफ से जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय रांची में नियुक्ति […]
रांची: राजधानी रांची के सरकारी विद्यालयों में आश्रितों को पांच वर्षों से नौकरी नहीं मिल रही है. अनुकंपा पर नौकरी नहीं मिलने को लेकर अनुशंसित आश्रितों ने मुख्यमंत्री रघुवर दास से हस्तक्षेप की मांग की है. उनका कहना है कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की तरफ से जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय रांची में नियुक्ति संबंधी औपचारिकता को पूरा करने में देर की जा रही है.
कार्यालय की तरफ से हिंदी टंकन में उत्तीर्ण करना जरूरी कर दिया गया है. कार्मिक विभाग की ओर से जारी अधिसूचना 1749 में हिंदी टंकन की स्पीड को निरस्त किया जाये. कार्मिक विभाग की अधिसूचना में अनुकंपा पर नियुक्ति मामले में 35 शब्द प्रति मिनट के टंकन प्रतियोगिता में सफल होना जरूरी किया गया है.
आश्रितों का कहना है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. आश्रितों में अवनींद्र कुमार मिश्र, बालेश्वर महतो, जैन अहमद, शांतनु पाठक, हलधर महतो, मनोज कुमार, रोहित कुमार, अफताब, शिखा कुमारी, नूतन कुमारी, नंद किशोर, मोनिका प्रियंका एक्का, अनिता एक्का, रोहित मांझी और अन्य शामिल हैं.