इमली खरीद योजना शुरू होने से पहले ही फेल!
रांची : न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इमली (लघु वनोपज) खरीद की योजना शुरू होने से पहले ही फेल हो गयी लगती है. इसका कारण केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य है, जो खुले बाजार से कम है. झारखंड में इमली का मौसम फरवरी से मई माह तक का होता है. अाम तौर पर मार्च-अप्रैल […]
रांची : न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इमली (लघु वनोपज) खरीद की योजना शुरू होने से पहले ही फेल हो गयी लगती है. इसका कारण केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य है, जो खुले बाजार से कम है. झारखंड में इमली का मौसम फरवरी से मई माह तक का होता है. अाम तौर पर मार्च-अप्रैल में इमली पक जाती है तथा इसकी बिक्री लघु वनोपज पर आश्रित ग्रामवासी या वनवासी करते हैं.
इस कार्य में ग्रामीणों को नुकसान से बचाने तथा उन्हें आर्थिक सहायता के लिए ही न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होता है. इधर, वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए इमली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 18 रुपये प्रति किलो तय किया गया है, जबकि खुले बाजार में इसकी कीमत 25-26 रुपये प्रति किलो है. ऐसे में एजेंसियों को शक है कि ग्रामीण उन्हें इमली देंगे.
केंद्र प्रायोजित कल्याण विभाग की लघु वनोपज खरीद योजना का काम कृषि, सहकारिता व पशुपालन विभाग के तहत झारखंड स्टेट माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस कोअॉपरेटिव डेवलपमेंट एंड मार्केटिंग फेडरेशन लि (झामकोफेड) के जरिये होता है. इसका 75 फीसदी बजट जनजातीय कार्य मंत्रालय तथा शेष 25 फीसदी बजट राज्य सरकार का होता है. विभिन्न वनोपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण मंत्रालय करता है. चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए खरीद लक्ष्य तथा मूल्य निर्धारण संबंधी झामकोफेड से भेजा गया प्रस्ताव मई तक कल्याण विभाग से मंत्रालय को भेजा ही नहीं गया. इससे दर व खरीद लक्ष्य निधार्रण में काफी विलंब हो गया तथा इस वर्ष इमली की खरीद नहीं हुई. वहीं वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए इमली की खरीद दर 18 रु प्रति किलो तय है, पर अब तक खरीद का लक्ष्य निर्धारण नहीं हुआ है. झामकोफेड की अोर से फरवरी में गया इसका प्रस्ताव अभी कल्याण विभाग में लंबित है.
लघु वनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (प्रति किलो)
बीज के साथ इमली (18 रु), मधु (150), गम कराया (108), करंज बीज (18), साल बीज (10), महुआ बीज (20), साल पत्ता (21), चिरोंजी गुठली (60 रु), कुसुम बीज (10), पलाश फूल (8), शतावरी (40), कालमेघ (15) तथा बीज रहित इमली (40 रु).
(इमली के अलावा चिरोंजी का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी घटा दिया गया. गत वर्ष यह सौ रु किलो था)