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प्रोसेसिंग प्लांट नहीं होने से इमली और चिरौंजी की सही कीमत नहीं मिल रही किसानों को, लेते हैं 25 रुपये किलो बेचते हैं 100 रुपये में

रांची : इमली व चिरोंजी का प्रोसेसिंग प्लांट झारखंड में (न सरकारी क्षेत्र में, न ही निजी क्षेत्र में) नहीं है. इन दोनों उत्पादों से क्रमश: बीज व गुठली हटाने का काम हाथ से बहुत ही कम मात्रा में होता है. इस कारण इन उत्पादों की कीमत राज्य में अपेक्षाकृत ज्यादा है, पर इसका लाभ […]

रांची : इमली व चिरोंजी का प्रोसेसिंग प्लांट झारखंड में (न सरकारी क्षेत्र में, न ही निजी क्षेत्र में) नहीं है. इन दोनों उत्पादों से क्रमश: बीज व गुठली हटाने का काम हाथ से बहुत ही कम मात्रा में होता है. इस कारण इन उत्पादों की कीमत राज्य में अपेक्षाकृत ज्यादा है, पर इसका लाभ उत्पादकों (ग्राम या वन वासियों) को नहीं मिलता. प्रोसेसिंग यूनिट न होने से झारखंड में यहीं की इमली व चिरोंजी करीब दो गुना महंगे बिक रहे हैं. बगैर बीज की इमली 100 रु किलो बिकती है, जबकि खुले बाजार में बीज सहित पकी इमली अभी 25-26 रुपये किलो बिक रही है.

एक किलो पकी इमली से करीब 250 ग्राम बीज निकलता है. वहीं जंगली फल पियार से निकले चिरोंजी बीज (ड्राइ फ्रूट) की खुदरा कीमत 600 से 900 रुपये किलो है, जबकि इसकी गुठली का न्यूनतम समर्थन मूल्य 60 रुपये किलो है. पांच किलो गुठली से एक किलो चिरोंजी निकलता है. इस तरह प्रोसेसिंग के बाद इस पर प्रति किलो तीन से छह सौ रु तक मुनाफा लिया जा रहा है. अभी चिरोंजी बिहार, यूपी व छत्तीसगढ़ से प्रोसेसिंग होकर झारखंड आता है. सरकरा ने 292 टन चिरोंजी गुठली की बिक्री के लिए हाल ही में निविदा निकाली है. कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 30 फीसदी जंगल होने तथा कुल अाबादी का करीब 27 फीसदी जनजातीय आबादी होने के कारण झारखंड में लघु वनोपज अाय वृद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन है. लाह सहित 14 किस्म के लघु वनोपज की खरीद सरकार करती है. कल्याण विभाग के फंड से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर झास्कोलैंफ व झामकोफेड इन लघु वनोपज की खरीद करते हैं. झास्कोलैंफ लाह की, जबकि झामकोफेड अन्य वनोपज की खरीदारी करता है. इमली व चिंरोंजी भी इनमें शामिल है.
अब लग रहा प्रोसेसिंग प्लांट
कृषि, पशुपालन व सहकारिता विभाग अपने फेडरेशन झामकोफेड के माध्यम से राज्य भर में 20 इमली के तथा 20 चिरोंजी के प्रोसेसिंग प्लांट लगा रहा है. ये प्लांट झामकोफेड से संबद्ध 153 लघु वनोपज समितियों तथा 17 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संचालित होंगे. इसके लिए फंड राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाइ) के तहत मुहैया करायी गयी है. इमली का एक प्रोसेसिंग प्लांट 12.40 लाख व चिरोंजी का एक प्रोसेसिंग प्लांट 10.15 लाख की लागत से लगेगा. इमली के सभी 20 प्रोसेसिंग प्लांट के लिए जमीन की व्यवस्था संबंधित समितियों ने कर ली है. अभी 12 चिरोंजी प्लांट के लिए जमीन मिली है़
यहां बनेंगे प्रोसेसिंग प्लांट
जिला इमली चिरोंजी
सिमडेगा 3 2
रांची 2 1
लातेहार 2 0
गुमला 6 0
चाईबासा 1 1
पलामू 1 0
खूंटी 3 3
गढ़वा 1 1
हजारीबाग 1 3
रामगढ़ 0 1
कुल 20 12
झारखंड में प्रोसेस होने पर इमली अधिकतम 60 रुपये तथा चिरोंजी अधिकतम पांच सौ रुपये किलो में उपलब्ध होंगे. वहीं वैल्यू एडिशन (प्रोसेसिंग) का लाभ झामकोफेड से संबद्ध लघु वनोपज समितियों के सदस्यों को ही मिलेगा, जो अभी बाहरी व्यापारियों को मिलता है.
सुरेंद्र सिंह, प्रबंध निदेशक, झामकोफेड

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