हाइकोर्ट ने रांची के ट्रैफिक एसपी से पूछा, वर्तमान संसाधनों में कैसे दुरुस्त हो सकती है शहर की ट्रैफिक व्यवस्था

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को विभिन्न कारणों से होनेवाले चाैक-चाैराहों व सड़क जाम को लेकर स्वत: संज्ञान के तहत दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने कोर्ट में उपस्थित रांची के ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह से पूछा कि वर्तमान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2017 7:47 AM
रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को विभिन्न कारणों से होनेवाले चाैक-चाैराहों व सड़क जाम को लेकर स्वत: संज्ञान के तहत दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने कोर्ट में उपस्थित रांची के ट्रैफिक एसपी संजय रंजन सिंह से पूछा कि वर्तमान में जो संसाधन उपलब्ध हैं, उससे ट्रैफिक व्यवस्था को कैसे दुरुस्त किया जा सकता है? खंडपीठ ने ट्रैफिक एसपी ट्रैफिक सिस्टम को दुरुस्त करने से संबंधित ठोस प्रस्ताव कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है.

खंडपीठ ने निर्देश दिया कि शहर में जगह चिह्नित कर अॉटो स्टैंड का निर्माण कराया जाये, ताकि अॉटो को जहां-तहां खड़ा करने की नाैबत न आये. खंडपीठ ने रांची नगर निगम से भी पूछा कि कॉमर्शियल मल्टी स्टोरी बिल्डिंग के सामने के स्थल की घेरेबंदी को हटाया जा सकता है या नहीं? इस मामले में नगर निगम को जवाब दाखिल करने को कहा है. अगली सुनवाई एक सप्ताह के बाद होगी.

नगर निगम के अंतर्कलह से कोर्ट को अवगत कराया : इससे पहले मामले के एमीकस क्यूरी अधिवक्ता राजीव कुमार ने खंडपीठ को रांची नगर निगम में व्याप्त अंतर्कलह की जानकारी दी. कहा कि निगम आमलोगों पर अनाप-शनाप टैक्स लागू कर रहा है, जबकि लोगों को सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं.
स्वत: संज्ञान के तहत दायर की थी जनहित याचिका : कुछ महीनों पहले हत्या की एक घटना से आक्रोशित लोगों ने हरमू रोड जाम कर दिया था. जाम में स्कूली बसें फंस गयी थीं. यातायात घंटों बाधित रहा. इस मामले को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में बदल दिया था.
क्या किसी बस या अॉटो चालक से नियम तोड़ने पर जुर्माना वसूला है : खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि शहर में यात्रियों के लिए स्टॉपेज नहीं है. इस कारण अॉटो व सिटी बसें उन जगहों पर रुकते हैं, जहां यात्री खड़े रहते हैं. इससे जाम की समस्या पैदा होती है. अचानक रुकने से दुर्घटनाएं भी होती हैं. ट्रैफिक की सुगमता के लिए बस व अॉटो के लिए स्टॉपेज बनाये जायें. खंडपीठ ने पूछा कि आमलोगों की गाड़ी प्रतिबंधित जगहों पर लगाने पर उनसे जुर्माना वसूला जाता है, लेकिन क्या किसी बस अथवा अॉटो चालकों द्वारा नियम तोड़ने पर जुर्माना वसूला गया है?

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