खींचतान: स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में जम कर हंगामा, चीफ इंजीनियर ने मेयर से कहा मैडम! अभियंताओं को प्रताड़ित करना बंद कीजिए

रांची नगर निगम सभागार में सोमवार को हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में जमकर हंगामा हुआ. मेयर आशा लकड़ा ने टेंडरों की फाइल रोके जाने का ठीकरा नगर निगम के अभियंताओं पर फोड़ा, तो चीफ इंजीनियर सुरेश पासवान ने मेयर को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. कहा: मैडम! अभियंताओं को प्रताड़ित करना बंद कीजिए, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2017 6:12 AM
रांची नगर निगम सभागार में सोमवार को हुई स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में जमकर हंगामा हुआ. मेयर आशा लकड़ा ने टेंडरों की फाइल रोके जाने का ठीकरा नगर निगम के अभियंताओं पर फोड़ा, तो चीफ इंजीनियर सुरेश पासवान ने मेयर को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. कहा: मैडम! अभियंताओं को प्रताड़ित करना बंद कीजिए, क्योंकि फाइलें आपकी वजह से रुकती हैं. सब कुछ ठीक होने पर भी आप ही लंबे समय तक फाइलों को दबा कर रखती हैं.
रांची: नगर निगम सभागार में सोमवार दोपहर 12 बजे स्टैंडिंग कमेटी की बैठक शुरू हुई. इसी के साथ शहर में सड़क-नाली सहित अन्य विकास योजनाओं के टेंडर की फाइल चार माह से रुके होने के मामले में मेयर आशा लकड़ा और पार्षदों के बीच तकरार शुरू हो गयी. वार्ड नंबर-44 की पार्षद उर्मिला यादव ने मेयर को संबोधित करते हुए कहा : आप निगम का शोषण करने के लिए कुरसी पर बैठी हैं. पार्षद के इस आरोप पर मेयर तमतमा गयीं. मेयर ने पार्षद से कहा : मैं वही काम करूंगी, जो मुझे उचित लगेगा. किसी के दबाव में काम करने के लिए मैं कुरसी पर नहीं बैठी हूं.
मेयर ने आरोप लगाया कि जिस टेंडर को लेकर हंगामा मचाया जा रहा है, उससे संबंधित कुछ जरूरी कागजात हमने अभियंताओं से मांगे हैं, लेकिन अब तक अभियंताओं ने हमें कोई जवाब नहीं दिया. इसलिए मजबूरन हमें इसे रोकना पड़ा है. हंगामे के बाद मेयर ने बैठक को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया. बैठक में डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, नगर आयुक्त प्रशांत कुमार, अपर नगर आयुक्त विद्यानंद शर्मा पंकज, उप नगर आयुक्त संजय कुमार, सहायक कार्यपालक पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार, हेल्थ ऑफिसर डॉ किरण और विभिन्न वार्डों के पार्षद मौजूद थे.
उल्टी गंगा बहाने की कोशिश मत कीजिए मैडम : दूसरी बार बैठक दोपहर 1:15 बजे शुरू हुई. इस बार भी टेंडरों की फाइल रोकने का ठीकरा नगर निगम के अभियंताओं पर ही फूटा. यह नगर निगम के चीफ इंजीनियर सुरेश पासवान के बरदाश्त के बारह हो गया. उन्होंने मेयर से दो टूक कहा : मैडम! आप नगर निगम में उल्टी गंगा बहाने की कोशिश मत कीजिए. सब कुछ ठीक होने बाद भी आप लंबे समय तक फाइल को दबा कर रखती हैं. सचिव से लेकर मुख्य सचिव तक हमसे सवाल पूछते हैं कि आखिर सब कुछ फाइनल हो जाने के बाद भी टेंडर क्यों नहीं हुआ?

चीफ इंजीनियर के इस आरोप पर गुस्सायी मेयर ने कहा : अगर हम निगम में कुछ गलत काम कर रहे हैं, तो आप हमारे ऊपर में एफआइआर क्यों नहीं कर रहे हैं? जाइए थाना जाकर मेरे ऊपर में एफआइआर करवा दीजिए. इस पर चीफ इंजीनियर ने कहा : हम कौन होते हैं आप पर एफआइआर करनेवाले. आप चाहें, तो मेरे ऊपर ही एफआइआर करा दीजिए. जाते-जाते चीफ इंजीनियर यहां तक कह गये कि जो सिस्टम निगम में डेवलप हो गया है, वह दुनिया में कहीं नहीं है. चीफ इंजीनियर ने मेयर से कहा कि आपको जिस चीज की भी जानकारी चाहिए. आप नगर आयुक्त से सीधे लीजिए. उन्हें ही आदेश दीजिए, लेकिन अभियंताओं को प्रताड़ित करना बंद कीजिए. बैठक में हंगामा इस कदर बढ़ा कि नगर निगम के वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट को भी पार्षदों ने स्वीकृति नहीं दी. पार्षदों ने कहा कि जब शहर में कोई काम होना ही नहीं है, तो आखिर इस बजट का मतलब क्या है? इसलिए किसी भी बजट को स्वीकृति नहीं दी जायेगी.

एक सप्ताह में दें जवाब : स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में वार्ड पार्षद उर्मिला यादव ने मेयर आशा लकड़ा पर शोषण का आरोप लगाया था. इस पर मेयर ने पार्षद को नोटिस जारी कर कहा है कि आप एक सप्ताह के अंदर जवाब दें कि आखिर मैं किस प्रकार से पार्षद का शोषण कर रही हूं. अगर एक सप्ताह के अंदर वे जवाब नहीं देती हैं, तो उन्हें तीन महीनाें के लिए निलंबित कर दिया जायेगा.

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