30 साल से अधिक आयुवाले लोगों की होगी हेल्थ स्क्रीनिंग

रांची: झारखंड के सभी जिलों में 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की कैंसर, डायबिटिज व हृदय रोग की जांच की जायेगी. इसके लिए सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेष क्लिनिक होगा. जहां लोग जांच करा सकते हैं. वहीं विभाग द्वारा इन्हें जांच कराने के लिए जागरूक किया जायेगा, ताकि इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2017 6:14 AM
रांची: झारखंड के सभी जिलों में 30 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की कैंसर, डायबिटिज व हृदय रोग की जांच की जायेगी. इसके लिए सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विशेष क्लिनिक होगा. जहां लोग जांच करा सकते हैं. वहीं विभाग द्वारा इन्हें जांच कराने के लिए जागरूक किया जायेगा, ताकि इस आयु वर्ग के लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें.

यह स्क्रीनिंग नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रीवेंशन एंड कंट्रोल अॉफ कैंसर,कार्डियोवैस्कुलर डिजिज एंड स्ट्रोक(एनपीसीडीसीएस) के तहत की जायेगी. भारत सरकार ने राज्य के सभी 24 जिलों में कार्यक्रम चलाने की स्वीकृति दे दी है.

स्वास्थ्य विभाग एनसीडी सेल के प्रभारी एलआर पाठक ने बताया कि कुछ जिलों में प्रारंभिक स्तर पर अभी जागरूकता कार्यक्रम आरंभ किया गया है. 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों में हाइपरटेंशन, डायबिटिज, ओरल और ब्रेस्ट कैंसर की आशंका रहती है. इनके लिए ही पूरे स्वास्थ्य की स्क्रीनिंग की जायेगी. जिला स्तर पर एनसीडी क्लिनिक होगा. 110 सीएचसी में भी एनसीडी क्लिनिक खोले जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जीवन की व्यस्तता की वजह से इस आयु वर्ग में अकसर इस तरह की बीमारियों के लक्षण पाये जा रहे हैं. जिसके लिए भारत सरकार ने यह कार्यक्रम डिजाइन किया है, ताकि इनके स्वास्थ्य की नियमित मॉनीटरिंग हो सके. इसके लिए इस आयु वर्ग के लोगों को चाहिए कि समय-समय पर अपनी जांच एनसीडी क्लिनिक में आकर करायें. यदि किसी बीमारी के लक्षण होंगे, तो तत्काल इलाज के उपाय भी किये जायेंगे.
मोबाइल एप से भी की जायेगी हेल्थ ट्रैकिंग : पायलट प्रोजेक्ट के तहत रांची के कांके प्रखंड में उड़ान प्रोजेक्ट व प्रोजेक्ट होप को विकास भारती के सहयोग से आरंभ किया गया था. यहां क्लिनिक में आनेवाले लोगों के स्वास्थ्य की पूरी जानकारी रखी जाती है. एक मोबाइल एप भी बनाया गया है. इंट्राहेल्थ के सहयोग से यह मोबाइल एप्लीकेशन बना है, जिसमें लोगों के हेल्थ की ट्रैकिंग की जाती है. गर्भवती महिलाओं की पूरी रिपोर्ट रखी जाती है. सहिया, आंगनबाड़ी व एएनएम के सहयोग डाटा तैयार कर समय पर इलाज कराने व दवा देने की जानकारी मिल जाती है. जल्द ही इस मोबाइल एप को अन्य जिलों में भी आरंभ किया जायेगा.

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