निगम का नोटिस: दुकानदारों में हड़कंप, विरोध में उतरे, मीट शॉप के बाद शहर के चिकन शॉप भी हुए बंद
रांची नगर निगम द्वारा जारी नोटिस के बाद राजधानी के मटन और चिकन शॉप संचालक सकते में हैं. शनिवार को शहर में इसका व्यापक असर दिखा. नोटिस का विरोध करते हुए शहर के विभिन्न इलाकों में चिकन शॉप संचालकों ने अपनी दुकानें बंद रखीं. रांची : रांची नगर निगम ने 28 मार्च को शहर में […]
रांची नगर निगम द्वारा जारी नोटिस के बाद राजधानी के मटन और चिकन शॉप संचालक सकते में हैं. शनिवार को शहर में इसका व्यापक असर दिखा. नोटिस का विरोध करते हुए शहर के विभिन्न इलाकों में चिकन शॉप संचालकों ने अपनी दुकानें बंद रखीं.
रांची : रांची नगर निगम ने 28 मार्च को शहर में अवैध रूप से चल रहे मटन और चिकन शॉप को नोटिस जारी किया था. इसमें कहा गया था कि अब शहर में कोई भी दुकानदार खस्सी या मुरगा नहीं काटेगा. उसे केवल मांस बेचने की अनुमति है. दुकानदार जो मीट बेचना चाहते हैं, वे कांके स्थित नगर निगम की वधशाला से मीट ला सकते हैं. वहीं, चिकन शॉप के संचालकों से कहा गया है कि वे केवल मुरगा बेच सकते हैं, उसे काटने का अधिकार दुकानदार को नहीं है.
निगम के इस आदेश को बेतुका करार देते हुए चिकन शॉप के संचालकों ने शनिवार को अपनी दुकानें बंद रखीं. इस वजह से डिस्टिलरी सब्जी मंडी, बरियातू में रिम्स के समीप, बहू बाजार, डेली मार्केट, चुटिया, कांके रोड, बरियातू रोड आदि इलाकों में चिकन शॉप पर सन्नाटा पसरा रहा. निगम के आदेश का विरोध कर रहे दुकानदाराें का तर्क है कि उनके पास आनेवाले ज्यादातर ग्राहक चिकन कटवा कर ही घर ले जाते हैं. अगर वे निगम का आदेश मानने लगेंगे, तो उनकी दुकानदारी बंद हो जायेगी. वहीं, निगम ने आदेश दिया है कि जो लोग दुकान में चिकन काटते पकड़े गये, उनसे 2000 रुपये जुर्माना वसूला जायेगा. जबकि, एक दिन में हमारी इतनी कमाई भी नहीं होती है.
वधशाला अब तक तैयार नहीं : एक ओर निगम ने दुकानदारों के सामने यह शर्त रख दी है कि वे केवल कांके वधशाला से मांस लाकर बेच सकते हैं. जबकि, वधशाला अभी तक पूरी तरह से तैयार नहीं हुई है. अब तक बिजली विभाग ने यहां कनेक्शन नहीं दिया है. वहीं, नगर निगम ने यहां वेटनरी डॉक्टर भी प्रतिनियुक्त नहीं किया है. ऐसे में दुकानदार ऊहापोह में हैं कि आखिर वे क्या करें. हालांकि, नगर निगम का दावा है कि 15 दिनों में वधशाला तैयार हो जायेगी.
डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनाने का प्रावधान
न्यायालय के आदेश के बाद सुरक्षित मीट काटने के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी गठन का प्रावधान किया गया है. इसमें पशुपालन विभाग के अधिकारियों को भी रखना है. अधिकारियों की जिम्मेदारी मीट काटने से पूर्व जानवरों की जांच करने की है. नगर निगम या नगर निकाय का काम मीट काटनेवाली दुकानों को लाइसेंस देने का है.
कारोबार गिरा, छोटे होटलों में नहीं मिल रहा नॉन वेज
खुले में मीट व मुरगा बेचने पर लगी रोक का असर रांची के बाजार पर साफ दिख रहा है. स्थिति यह है कि कई छोटे और मध्यम होटलों-रेस्टूरेंट ने नॉन वेज आइटम परोसना बंद कर दिया है. बाजार के जानकारों के अनुसार बिक्री बंद होने से कारोबार में लगभग 30 प्रतिशत गिरावट आयी है. सामान्यत: रांची के बाजार में हर दिन लगभग 50,000 किलो चिकन की खपत है.
पॉल्ट्री किसान परेशान दानों की बिक्री भी हुई कमी
पॉल्ट्री किसानों का कहना है कि बाजार में मुरगा की बिक्री नहीं होने से खासी परेशानी बढ़ गयी है. पूरी तरह से तैयार मुरगा को अगर 10 दिनों के अंदर नहीं बेचा जाता है, तो उन पर आने वाला कॉस्ट बढ़ने लगता है. वहीं बाबा फीड्स के निदेशक आदित्य जालान कहते हैं कि मुरगाें की बिक्री नहीं होने से दाने की बिक्री में भी लगभग 20-30 प्रतिशत की गिरावट आयी है.