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मिलेगी राहत: मुख्य सचिव के निर्देश पर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने तैयार की योजना, राज्य भर में लगेंगे 5800 नये चापानल

राज्य में गरमी के मौसम में पानी की कमी को देखते हुए पेयजल विभाग व आपदा प्रबंधन विभाग ने नया निर्देश जारी किया है. पिछले दिनों मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा के क्रम में पेयजल संकट से निबटने की चुनौती बतायी थी. उन्होंने कहा कि था कि हर हाल […]

राज्य में गरमी के मौसम में पानी की कमी को देखते हुए पेयजल विभाग व आपदा प्रबंधन विभाग ने नया निर्देश जारी किया है. पिछले दिनों मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा के क्रम में पेयजल संकट से निबटने की चुनौती बतायी थी. उन्होंने कहा कि था कि हर हाल में जनता को पानी की कमी न हो पाये यह ध्यान रखा जाये. अब पेयजल विभाग ने नये चापानल लगाने की मंजूरी दे दी है. ये चापानल उन इलाकों में लगेंगे जहां पिछले वर्ष गरमी के मौसम में भूगर्भ जल स्तर नीचे चला गया था.
रांची: मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के निर्देश के आलोक में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने निर्देश दिया है कि वैसी जगह जहां पिछले वर्ष गरमी के मौसम में भूगर्भ जल नीचे चला गया था, वहां उच्च प्रवाही नलकूप (एचवाइडीटी) और साधारण चापानल लगाये जायें. विभाग द्वारा 679 एचवाइडीटी, 5800 चापानल व 215 जीपीटी लगाने लिए राशि की स्वीकृति दी गयी है. लगभग 48.78 करोड़ रुपये आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा पेयजल विभाग को उपलब्ध कराया गया है.
विभाग द्वारा कहा गया है कि जहां साधारण नलकूप कार्य करना बंद कर देते हैं वैसे जल स्रोत विहीन टोले, अांगनबाड़ी एवं विद्यालय परिसर में एचवीडी, चापानल या जीपीटी लगाये जायें. योजना की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गयी है. कहा गया है कि वैसे स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों को प्राथमिकता देनी है, जहां पहले से चापानल नहीं लगा हो. इसी तरह वैसे टोलों को प्राथमिकता देनी है, जहां पहले से चापानल या पाइप जलापूर्ति योजना नहीं है. लक्ष्य का निर्धारण प्रखंड, ग्राम पंचायत स्तर पर संबंधित अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता करेंगे.
नलकूपों की मरम्मत का निर्देश
सचिव द्वारा कहा गया है कि जहां नलकूप बंद हैं उसकी साधारण मरम्मत कराकर चालू करायें. जहां चुंआ है, वहां सेनेटरी कूप का निर्माण कराया जाये. वहीं, जहां ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजना है, वहां विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित किया जाये ताकि जलापूर्ति बाधित न हो. आदिम जनजातियों के इलाकों में खासतौर पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया है. कहा गया है कि जहां टैंकर से जलापूर्ति संभव हो उन इलाकों का चयन कर टैंकर से जलापूर्ति करें.
काम कराने के बाद फोटो अपलोड करना होगा : सचिव द्वारा कहा गया है कि जहां भी नये चापानल लगाये जा रहे हैं, वहां काम कराने के बाद उसकी तसवीर लेकर इंडिया वाटर के वेबसाइट पर अपलोड करना है. इसके बाद ही संवेदक को भुगतान किया जाय. मापी पुस्तिका की फोटो भी अपलोड करने का निर्देश दिया गया है. वहीं एचवाइडीटी जहां लगाये जायेंगे, उसकी सूची भी वेबसाइट पर प्रकाशित की जानी है. इस पूरी योजना की मॉनीटरिंग की जिम्मेवारी विभाग के अभियंता प्रमुख को दी गयी है.
कहां कितने चापानल लगेंगे
स्थान एचवाइडीटी चापानल जीपीटी
रांची इस्ट 50 190 30
रांची वेस्ट 50 190 40
खूंटी 25 140 25
गुमला 50 230 30
सिमडेगा 20 130 30
लोहरदगा 20 110 30
आदित्यपुर 0 100 0
चाईबासा 50 300 0
चक्रधरपुर 0 200 0
सरायकेला 20 200 0
लातेहार 10 100 0
दुमका-1 20 100 0
दुमका-2 50 200 0
साहेबगंज 20 130 0
पाकुड़ 30 100 0
जामताड़ा 20 150 0
स्थान एचवाइडीटी चापानल जीपीटी
मेदिनीनगर 50 400 0
गढ़वा 20 300 0
हजारीबाग 0 400 0
रामगढ़ 20 150 0
झुमरीतिलैया 20 100 0
चतरा 20 200 0
धनबाद-1 0 100 0
धनबाद-2 0 200 0
चास 15 150 0
तेनुघाट 20 150 0
गिरिडीह-1 0 200 0
गिरिडीह-2 50 200 0
देवघर 10 70 0
मधुपुर 0 150 0
गोड्डा 0 250 0
कुल 679 5800 215

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