सुधीर प्रसाद होंगे राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष
रांची: सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी सुधीर प्रसाद झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष होंगे. खाद्य आपूर्ति विभाग ने आयोग के गठन के साथ ही अध्यक्ष और सदस्यों की सूची तैयार कर ली है. इस पर विभागीय मंत्री ने अपनी सहमति भी दे दी है. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य खाद्य आयोग […]
रांची: सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी सुधीर प्रसाद झारखंड राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष होंगे. खाद्य आपूर्ति विभाग ने आयोग के गठन के साथ ही अध्यक्ष और सदस्यों की सूची तैयार कर ली है. इस पर विभागीय मंत्री ने अपनी सहमति भी दे दी है.
सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य खाद्य आयोग के गठन से संबंधित कागजी प्रक्रिया पर विभागीय मंत्री की सहमति ले ली है. विभाग ने अध्यक्ष के अलावा सदस्य के रूप में शबनम परवीन, रंजना कुमारी, उपेंद्र उरांव और हलधर महतो का चयन किया है. आयोग के अध्यक्ष सुधीर प्रसाद राज्य में मुख्य सचिव रह चुके हैं. उन्होंने 1990-93 में रांची के उपायुक्त के रूप में भी काम किया. उन्होंने आइआइटी कानपुर से मेकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी. वह उर्दू भाषा के भी जानकार हैं.
आयोग में सदस्य के रूप में प्रस्तावित शबनम परवीन राज्य महिला आयोग की सदस्य रह चुकी हैं. सदस्य रंजना कुमारी फिलहाल विकास भारती से संबंधित हैं. उपेंद्र उरांव राज्य सरकार के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. राज्य आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल पांच साल का होगा. अध्यक्ष को मुख्य सचिव के समान वेतन मिलेगा. आयोग का काम खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शुरू की गयी योजनाओं पर नजर रखना और उससे जुड़ी शिकायतों को सुनना है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है आयोग : खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 में ही अधिनियम के तहत चलायी जानेवाली योजना पर नजर रखने के लिए आयोग के गठन का प्रावधान है. इसके तहत सभी राज्य सरकारों को आयोग का गठन करना था, पर राज्य सरकारों द्वारा आनाकानी करने की वजह से यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी राज्य सरकारों को आयोग का गठन करने का निर्देश दिया. इसके बाद राज्य सरकार ने इसके गठन की प्रक्रिया शुरू की. आयोग के गठन के लिए बनाये गये नियम के तहत इसमें अध्यक्ष के अलावा पांच सदस्य होंगे. सदस्यों में दो महिलाओं का होना आवश्यक है. इसके अलावा एससी और एसटी के एक-एक सदस्यों का होना जरूरी है. आयोग का अध्यक्ष बनने के लिए अखिल भारतीय सेवा का होना आवश्यक है.