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अधिकारियों की मंशा फाइलों को लटकाये रखने की : चीफ जस्टिस

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करने में बरती गयी अनियमितता को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गयी. चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती ने माैखिक रूप से टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों की मंशा फाइलों को लटकाये रखने की होती है. फाइलें टेबल […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट में शुक्रवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू करने में बरती गयी अनियमितता को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की गयी. चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती ने माैखिक रूप से टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अधिकारियों की मंशा फाइलों को लटकाये रखने की होती है. फाइलें टेबल पर पड़ी रहती है. काम आगे नहीं बढ़ पाता है. अोड़िशा की स्थिति भी दूसरी नहीं है.
वहां भी यही हालात हैं. उन्होंने अोड़िशा का अनुभव बताते हुए कहा कि अधिकारी फाइलें लटकाये रखते हैं. ऐसा कई मामलों में देखा गया है. फाइलें लंबित नहीं रहे. लंबित फाइलों को जल्दी निबटाया जाना चाहिए. राज्य सरकार के अधिकारियों की कार्य करने की शैली पर चीफ जस्टिस ने अपना अनुभव बताया.

चीफ जस्टिस प्रदीप कुमार मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को वस्तु स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 13 अप्रैल को होगी. इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता महेश तिवारी ने खंडपीठ को बताया कि पाकुड़ में लाल कार्डधारियों को भी खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ नहीं मिल रहा है. लाभुकों के चयन में काफी अनियमितता बरती गयी है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी मो बदरूल व अन्य की अोर से जनहित याचिका दायर कर जरूरतमंदों को खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ दिलाने की मांग की है.

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