पहले सीइ का प्रभार, अब प्रमुख बनाने की तैयारी

रांची : ग्रामीण कार्य विभाग में पथ निर्माण कैडर के अभियंताओं को दरकिनार कर जल संसाधन कैडर के अभियंता को पहले मुख्य अभियंता (सीइ) बना दिया गया, अब उन्हें अभियंता प्रमुख की जिम्मेवारी देने की तैयार की जा रही है. हालांकि इस पर अभी मंथन हो रहा है. जल संसाधन के अभियंता विवेकानंद मिश्र को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2017 6:16 AM
रांची : ग्रामीण कार्य विभाग में पथ निर्माण कैडर के अभियंताओं को दरकिनार कर जल संसाधन कैडर के अभियंता को पहले मुख्य अभियंता (सीइ) बना दिया गया, अब उन्हें अभियंता प्रमुख की जिम्मेवारी देने की तैयार की जा रही है. हालांकि इस पर अभी मंथन हो रहा है. जल संसाधन के अभियंता विवेकानंद मिश्र को पहले विशेष प्रमंडल के मुख्य अभियंता का पद दिया जा चुका है.

फिलहाल वह विशेष प्रमंडल के साथ ही ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता का भी प्रभार संभाल रहे हैं. अगर अभियंता प्रमुख का पद उन्हें मिला, तो ग्रामीण सड़क व पुल निर्माण के टेक्निकल हेड के सारे पद उनके पास हो जायेंगे. इस तरह वह मुख्य अभियंता के रूप में जो निर्णय लेंगे, उसे अभियंता प्रमुख के रूप में पास भी करेंगे. पथ संवर्ग छोड़ जल संसाधन के इंजीनियर को यह पद देने से पथ कैडर के इंजीनियर दरकिनार हो रहे हैं.

तीन माह से पद खाली
ग्रामीण कार्य विभाग में अभियंता प्रमुख का पद तीन माह से खाली है. पहले इस पद पर राजीव कुमार वासुदेव थे. उनके सेवानिवृत्त होने के बाद से यह पद खाली है. विभाग को इस पद के लिए योग्य इंजीनियर ही नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में विभाग श्री मिश्र के नाम पर भी मंथन कर रहा है.
पथ संवर्ग के इंजीनियर का है पोस्ट
ग्रामीण कार्य विभाग में पथ संवर्ग के इंजीनियर की ही पोस्टिंग की जाती है. पद संरचना में यह व्यवस्था की गयी है कि इसी कैडर के इंजीनियर को ही इस कार्य में लगाया जाये. जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों की पोस्टिंग इसमें नहीं की जाती है. जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों को विशेष प्रमंडल में पदस्थापित किया जाता है. वे मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना का क्रियान्वयन करते हैं, पर ग्रामीण सड़कों के काम में उन्हें नहीं लगाया जाता है. पहली बार जल संसाधन विभाग के इंजीनियर को ग्रामीण कार्य का मुख्य अभियंता बनाया गया है.

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