कांके प्रखंड नगर पर्षद व सिल्ली में नगर पंचायत

रांची : रांची जिला के कांके व सिल्ली प्रखंड को शहरी क्षेत्र में शामिल किया जा रहा है. कांके प्रखंड को नगर पर्षद और सिल्ली प्रखंड को नगर पंचायत में शामिल किया जायेगा. इससे संबंधित एक प्रस्ताव नगर विकास विभाग तैयार कर रहा है. झारखंड में इस समय 44 शहरी निकाय हैं. इन दोनों को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2017 6:42 AM
रांची : रांची जिला के कांके व सिल्ली प्रखंड को शहरी क्षेत्र में शामिल किया जा रहा है. कांके प्रखंड को नगर पर्षद और सिल्ली प्रखंड को नगर पंचायत में शामिल किया जायेगा. इससे संबंधित एक प्रस्ताव नगर विकास विभाग तैयार कर रहा है. झारखंड में इस समय 44 शहरी निकाय हैं. इन दोनों को मान्यता मिल जाने के बाद 46 शहरी निकाय हो जायेंगे.
40 हजार से अधिक आबादी को मिलता है शहरी निकाय का दर्जा
: म्यूनिसिपल एक्ट के अनुसार जिस प्रखंड की आबादी 40 हजार हो जाती है, उसे नगर पंचायत का दर्जा मिलता है. वहीं 40 हजार से एक लाख की आबादी वाले इलाके को नगर पर्षद का दर्जा मिलता है. कांके प्रखंड अब नगर पर्षद की योग्यता रखता है.
524 वर्ग किमी में फैला है कांके
कांके प्रखंड का इलाका 524 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. कांके प्रखंड में कुल 36 पंचायत हैं. इसमें अरसंडे, बाढ़ू, बोड़ैया, चंदवे, चुटू, डुमरदगा, फुटकलटोली, गागी, होचर, हुंदूर, हुसीर, इचापीड़ी, जयपुर, कमड़े, कांके उत्तरी, कांके दक्षिणी, कांके पश्चिमी, कटमकुली, केदर, खटंगा, कोकदोरो, मालश्रंग, मनातू, मेसरा पश्चिमी, मेसरा पूर्वी, नेवरी, पिठोरिया, राड़हा, सतकनादू, सिमलिया, सुकुरहुटू दक्षिणी, उत्तरी, सुंडील, उलातू, उपरकोनकी व उरुगुटू शामिल हैं. वहीं सिल्ली में 20 पंचायत है. बताया गया कि नगर विकास विभाग ने रांची के उपायुक्त मनोज कुमार को पत्र लिख कर दोनों के संबंध में अनुशंसा की मांग की है. उपायुक्त से अनुशंसा प्राप्त होते ही विभाग द्वारा कैबिनेट के लिए प्रस्ताव तैयार किया जायेगा. इसके बाद कांके प्रखंड नगर पर्षद और सिल्ली नगर पंचायत बनेगा. मालूम हो कि सिल्ली की आबादी 40 हजार के पार कर चुकी है़ ऐसे में उसे नगर पंचायत का दर्जा मिल सकता है.
क्या होगा लाभ
नगर पर्षद या नगर पंचायत बन जाने पर दोनों इलाकों में फिर से म्यूनिसिपल एक्ट के तहत चुनाव होंगे. नये वार्ड गठित किये जायेंगे. शहरों के अनुरूप यहां सुविधाएं मिलेंगी. साथ ही शहरों की तर्ज पर क्षेत्र का विकास भी होगा. शहरी विकास की सारी योजनाएं यहां भी शुरू की जा सकेंगी. आधारभूत संरचना के विकास से लेकर निगम द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं यहां भी आरंभ हो जायेंगी. इससे यहां रहनेवाले लोगों को कई मूलभूत सुविधाओं उपलब्ध करायी जायेगी.

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