डॉ आंबेडकर की जयंती. राजधानी में कई जगह हुए कार्यक्रम, बोलीं राज्यपाल समाज के मार्गदर्शक थे बाबा साहेब

रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर युग द्रष्टा थे. दलित परिवार में जन्म लेनेवाले इस महापुरुष ने अपने कर्म व योग्यता से देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी. वह एक चिंतक व कर्मयोगी थे. उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. वे सही अर्थ में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2017 6:53 AM
रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर युग द्रष्टा थे. दलित परिवार में जन्म लेनेवाले इस महापुरुष ने अपने कर्म व योग्यता से देश में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी. वह एक चिंतक व कर्मयोगी थे. उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. वे सही अर्थ में समाज के प्रेरक व मार्गदर्शक थे. उनका दर्शन व चिंतन समाज की समस्याओं पर आधारित था.

राज्यपाल शुक्रवार को हाइकोर्ट के समक्ष आयोजित आंबेडकर जयंती के मौके पर बोल रहीं थी. उन्होंने कहा कि डॉ आंबेडकर ने लोगों से शिक्षित बनने, संगठित रहने व संघर्ष करने का आह्वान किया था. उन्होंने समाज में व्याप्त भेद-भाव व छुआछूत को मिटाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया. वर्तमान में दलितों को जो सम्मान मिल रहा है, वह डॉ आंबेडकर की ही देन है. इससे पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुरमू, मुख्यमंत्री रघुवर दास, मंत्री अमर बाउरी, मंत्री सीपी सिंह व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने डॉ आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. कार्यक्रम का आयोजन अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा व अनुसूचित जाति-जनजाति कर्मचारी महासंघ ने किया था. इस अवसर पर महासभा के अध्यक्ष पीआर रंजन, उपेंद्र रजक व महासंघ के अध्यक्ष हरि नारायण महली आदि उपस्थित थे.
आंबेडकर के सपनों का भारत बनाना है : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि डॉ भीमराव अांबेडकर को जो सम्मान मिलना चाहिए था, वो उन्हें नहीं मिल पाया है. जिस तरह से मार्टिन लूथर किंग का सम्मान पूरी दुनिया में होता है, उसी प्रकार का सम्मान बाबा साहेब का होना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए प्रयासरत हैं. डॉ अांबेडकर ने अपना पूरा जीवन समाज के पिछड़े तबकों को आगे बढ़ाने में लगा दिया. हमें उनके सपनों का भारत बनाना है. उनके दिखाये रास्ते पर चल कर ही हम समृद्ध भारत बना पायेंगे. डॉ अांबेडकर सबसे ज्यादा जोर शिक्षा पर देते थे. झारखंड अभी भी शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ा हुआ है. सरकार राज्य को शिक्षित बनाने के लिए प्रयासरत है. इसी कड़ी में स्कूल चलें, चलायें अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत हर बच्चे को स्कूल पहुंचाया जा रहा है. झारखंड सरकार बेघर विधवा महिलाओं को डॉ भीमराव आंबेडकर आवास योजना के तहत आवास मुहैया करा रही है. जल्द ही राज्य में अनुसूचित जाति आयोग का गठन किया जायेगा, जो विशेष तौर पर अनुसूचित जाति के विकास के लिए काम करेगा.
दलितों को उचित सम्मान दिलाया : अमर बाउरी
कला संस्कृति मंत्री अमर बाउरी ने कहा कि डॉ भीम राव अांबेडकर के कारण ही दलितों को समाज में उचित सम्मान मिला. उन्होंने संविधान के माध्यम से समाज के दबे-कुचले लोगों को अधिकार दिलाने का कार्य किया. आज समाज को उनके दिखाये रास्ते पर चलने की जरूरत है.
अनपढ़ लोगों को शिक्षित करें : सीपी सिंह
नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि डॉ आंबेडकर की जयंती मनाने का उद्देश्य तभी पूरा होगा, जब हम उनके दिखाये रास्ते पर चलेंगे. उन्होंने पढ़े-लिखे लोगों से अनपढ़ लोगों को शिक्षित करने का आह्वान किया. श्री सिंह ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति अपने अधिकार को जान सकते हैं और उसे प्राप्त कर सकते हैं.

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