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संसदीय चुनाव:दूसरे राज्य से आये उम्मीदवार भी जीते, पर जनता को किया निराश अब तक तीन को जीत का सेहरा

रांची: राज्य की राजनीति में बाहरी उम्मीदवारों (दूसरे राज्यों से आकर लड़नेवाले) ने जनता को अब तक निराश ही किया है. जब-जब राज्य की जनता ने दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को सिर आंखों पर बैठाया है, उन्होंने निराश ही किया है. चाहे वह फिल्मी सितारे हों या फिर उद्योगपति. लोकसभा चुनाव में झारखंड से अब […]

रांची: राज्य की राजनीति में बाहरी उम्मीदवारों (दूसरे राज्यों से आकर लड़नेवाले) ने जनता को अब तक निराश ही किया है. जब-जब राज्य की जनता ने दूसरे राज्यों के उम्मीदवारों को सिर आंखों पर बैठाया है, उन्होंने निराश ही किया है. चाहे वह फिल्मी सितारे हों या फिर उद्योगपति.

लोकसभा चुनाव में झारखंड से अब तक तीन बाहरी उम्मीदवार जीते हैं, लेकिन तीनों राज्य की सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं बने. यहां से जीत कर तो गये, लेकर दोबारा नहीं आये. दोबारा उन्होंने राज्य से राजनीति भी नहीं करनी चाही. रांची संसदीय सीट से वर्ष 1999 में केंद्रीय मंत्री केके तिवारी भी चुनाव लड़ने आये थे. भारी अंतर से हारने के बाद वह कभी झारखंड में राजनीति नहीं करने आये.

एमआर मसानी
वर्ष 1957 में रांची (ईस्ट) संसदीय सीट से जीतनेवाले मीनोचेचर रुस्तम मसानी (मीनू मसानी) मूल रूप से राजकोट (गुजरात) के रहनेवाले थे. वह वर्ष 1943 में बांबे म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन से मेयर बने थे. 1957 में स्वतंत्र पार्टी के टिकट से रांची के सांसद चुने गये थे. बंबई (अब मुंबई) को अपना कार्य क्षेत्र बनानेवाले श्री मसानी रांची के बाद राजकोट लोकसभा सीट से दो बार जीते. रांची से जीतने के बाद यहां के लोगों से उनका लगाव बहुत कम रहा. स्वतंत्र पार्टी के दिग्गज नेता श्री मसानी का निधन 92 साल की उम्र में 1998 में मुंबई में हो गया.

एमएस ओबेरॉय
हजारीबाग लोकसभा सीट से वर्ष 1968 में हुए उप चुनाव में ओबेरॉय ग्रुप के चेयरमैन राय बहादुर मोहन सिंह ओबेरॉय ने विजयश्री हासिल की थी. हजारीबाग की जनता ने कांग्रेस के इस उम्मीदवार को जीत का सेहरा पहनाया था. श्री ओबेरॉय को 75101 मत मिले थे. दूसरे स्थान पर रहनेवाले प्रत्याशी आरएन शर्मा को 29035 मत मिले थे. वर्ष 1970 तक श्री ओबेरॉय इस सीट से सांसद रहे, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि श्री ओबेराय ने अपने कार्यकाल में ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसे जनता याद रख सके. इससे पूर्व और बाद में श्री ओबेरॉय राज्यसभा सदस्य भी रहे.

नीतीश भारद्वाज
नीतीश भारद्वाज ने वर्ष 1996 में भारतीय जनता पार्टी के टिकट से जमशेदपुर संसदीय सीट के लिए चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. निर्देशक बीआर चोपड़ा की टीवी धारावाहिक महाभारत के कारण वह लोगों की जुबान पर थे. सीरियल में भगवान कृष्ण की भूमिका निभानेवाले नीतीश भारद्वाज को भाजपा ने जमशेदपुर सीट से उम्मीदवार बनाया था. उन्होंने राज्य की राजनीति के दिग्गज नेता और जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार इंदर सिंह नामधारी को 55 हजार 137 मतों से हराया था. नीतीश भारद्वाज मूल रूप से मुंबई के रहनेवाले थे.

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