अडाणी प्रकरण की एसआइटी से हो जांच : बाबूलाल मरांडी

रांची: झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने सरकार से अडानी पावर प्लांट के पूरे प्रकरण की जांच हाइकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआइटी गठित कर कराने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि गोड्डा में अडाणी के पावर प्लांट लगने से न तो यहां को लोगों को फायदा होगा और न ही राज्य को. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 16, 2017 7:36 AM
रांची: झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने सरकार से अडानी पावर प्लांट के पूरे प्रकरण की जांच हाइकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश की अध्यक्षता में एसआइटी गठित कर कराने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि गोड्डा में अडाणी के पावर प्लांट लगने से न तो यहां को लोगों को फायदा होगा और न ही राज्य को.

पावर प्लांट लगने से किसान बेघर होंगे, अडाणी को फायदा होगा और बांग्लादेश को बिजली मिलेगी. किसान लगातार इसका विरोध कर रहे हैं, फिर भी सरकार अडाणी कंपनी को लाभ पहुंचाने में जुटी हुई है. इसके खिलाफ झाविमो विधायक प्रदीप यादव के नेतृत्व में सबा अहमद, बंधु तिर्की, थॉमस सोरेन समेत पार्टी के कई नेता 16 अप्रैल को गायघाट में अनशन पर बैठेंगे. श्री मरांडी शनिवार को पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार जबरदस्ती कर रही है. पहले पार्टी के विधायक प्रदीप यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी, अब वारंट जारी कर दिया गया है. गोड्डा में पावर प्लांट के खिलाफ वर्ष 2016 से लड़ाई शुरू हुई थी. अडाणी ने पावर प्लांट के लिए पांच एकड़ जमीन के लिए आवेदन दिया था. उस वक्त सरकार की ओर से जमीन की दर प्रति एकड़ 42.65 लाख निर्धारित की गयी थी. इसके बाद अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए इस जमीन की कीमत घटा कर 3.25 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दी गयी. किसानों के विरोध करने पर फिर से इस जमीन की दर 6 से 12 लाख प्रति एकड़ कर दी गयी. अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए 2012 की ऊर्जा नीति में परिवर्तन किया गया. इससे राज्य को प्रत्येक वर्ष लगभग 400 करोड़ रुपये तक का नुकसान होगा. मौके पर पार्टी के नेता केके पोद्दार, सरोज कुमार समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे.

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