बदलेगा JPSC का रिजल्‍ट, सरकार ने भेजा प्रस्‍ताव

पिछले दिनों प्रभात खबर डॉट कॉम ने जेपीएससी अभ्यर्थियों का मुद्दा उठाया. प्रभात खबर डॉट कॉम ने अपने फेसबुक लाइव कार्यक्रम के तहत आंदोलनरत छात्रों से उनके सवाल, उनकी परेशानियों कोजाना, जिसका लाइव प्रसारण प्रभात खबर के फेसबुक पेज पर हुआ. यह कार्यक्रम रांची व राज्य में काफी चर्चा में आया. उसी दिन रात में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2017 4:57 AM

पिछले दिनों प्रभात खबर डॉट कॉम ने जेपीएससी अभ्यर्थियों का मुद्दा उठाया. प्रभात खबर डॉट कॉम ने अपने फेसबुक लाइव कार्यक्रम के तहत आंदोलनरत छात्रों से उनके सवाल, उनकी परेशानियों कोजाना, जिसका लाइव प्रसारण प्रभात खबर के फेसबुक पेज पर हुआ. यह कार्यक्रम रांची व राज्य में काफी चर्चा में आया. उसी दिन रात में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने छात्राें को अपने आवास पर बुलाया और अगले दिन उनसे फिर मुलाकात करने और उनकी समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया. अगले दिन सचिवालय में सीएम ने खुद इस मामले पर उच्च स्तरीय बैठक की भी और अफसरों को इस मामले को सुलझाने का निर्देश दिया. अब इस मामले में सरकार आगे के कदम के बारे में विचार कर रही है. पढ़िए प्रभात खबर की यह एक्सक्लूसिव रिपोर्ट और इस स्टोरी में इस विषय पर पूर्व की स्टोरीका लिंक भी है, फेसबुक लाइव का वीडियो भी है, जिसे क्लिक पर आप पूरे मुद्दे को जान सकते हैं :

!!विवेक चंद्र!!

रांची : राज्य सरकार झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन(जेपीएससी)-छह की प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट में संशोधन करना चाहती है. मुख्यमंत्री रघुवर दास के निर्देश पर इसके लिए संभावनाएं तलाशी जा रही हैं.श्री दास ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को परीक्षा परिणाम में संशोधन के मुद्दे पर महाधिवक्ता की राय लेने के लिए कहा है. उन्होंने सोमवार को संबंधित फाइल महाधिवक्ता को भेजने के निर्देश दिया है. पिछले दिनों रिजल्ट में संशोधन की मांग करते हुए छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी. उसके बाद श्री दास ने जेपीएससी और कार्मिक विभाग के अफसरों के साथ बैठक करते हुए छात्रों द्वारा किये जा रहे विरोध के बिंदुओं पर सहमति जतायी थी. उन्होंने आरक्षण से संबंधित प्रावधान लागू रखते हुए रिजल्ट में संशोधन पर विचार करने के लिए कहा था.
दो विकल्पों पर सोच रही है सरकार
सूत्र बताते हैं कि जेपीएससी-छह के रिजल्ट में संशोधन के लिए सरकार दो विकल्पों पर विचार कर रही है. पहला, रिजल्ट संशोधित कर फिर से प्रकाशित करना. इसमें आरक्षित कोटि के वैसे अभ्यर्थी जिन्होंने नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होने के लिए किसी तरह के आरक्षण का लाभ नहीं लिया हो और उनका प्राप्तांक अनारक्षित कोटि में सफल अभ्यर्थियों के बराबर हो, तो उनको आरक्षित कोटि से बाहर कर सामान्य वर्ग के रिजल्ट में रखा जा सकता है.

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प्रभात खबर फेसबुक लाइव में बोले छात्र, नक्सली बनेंगे तो नौकरी और पैसा दोनों मिलेगा

इसमें वैसे अभ्यर्थियों को भी शामिल किया जायेगा, जिन्होंने आरक्षित कोटि में आवेदन जमा किया हो पर वह बिना आरक्षण का लाभ लिये ही अनारक्षित कोटि के बराबर अंक लाये हों. वहीं सरकार के पास दूसरा विकल्प परीक्षा रद्द करने का है. हालांकि, इसके लिए सरकारा तैयार नहीं है. सरकार के संशोधित रिजल्ट निकालने के लिए संघ लोक सेवा आयोग समेत कुछ अन्य राज्यों के प्रशासनिक सेवा का भी अध्ययन कराया है. इन्हीं दोनों बिंदुओं पर महाधिवक्ता की राय मांगी गयी है. उनकी सलाह पर आगे की कार्यवाही की जायेगी.

क्या है मामला
आरक्षित कोटि के अभ्यर्थी जेपीएससी छह की प्रारंभिक परीक्षा के रिजल्ट का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि जेपीएससी ने आरक्षण के प्रावधानों की अनदेखी करते हुए रिजल्ट जारी किया है. रिजल्ट में आरक्षित कोटि के अभ्यर्थियों को अधिक अंक होते हुए भी सफल घोषित नहीं किया गया है, जबकि सामान्य कोटि के अभ्यर्थियों को कम अंक होने पर भी सफल घोषित कर दिया गया है. अभ्यर्थी राज्य भर में आंदोलन कर इसका विरोध कर रहे हैं.
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अभी क्या है रिजल्ट का आधार
वर्तमान में जेपीएससी द्वारा जारी रिजल्ट में कुल सीटों का 15 गुना अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा में सफल किया गया है. जिसमें आरक्षित और अनारक्षित कोटि में अलग-अलग वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए जितनी सीटों का प्रावधान है, उससे 15 गुना अधिक अभ्यर्थी संबंधित कोटि में सफल घोषित किये गये हैं. इस वजह से आरक्षित कोटि के कई ऐसे अभ्यर्थी जिनके अंक अनारक्षित कोटि के अभ्यर्थी से अधिक है, फिर भी वह परीक्षा में सफल नहीं हो पाये हैं.

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