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काम और रोजगार नहीं रहने से भटक रहा है आदिवासी समाज

खेलगांव में खादी आयोग की राष्ट्रीय कार्यशाला में राज्यपाल ने कहा रांची : अादिवासी समाज देश का सबसे अच्छा समाज है. ये शांतिप्रिय, अहिंसक व खुश रहनेवाले लोग हैं. पर इस जमाने में जब चांद पर जाकर बसने की बात हो रही हो, सिर्फ खुश रहना ही काफी नहीं है. जीवन व तरक्की के लिए […]

खेलगांव में खादी आयोग की राष्ट्रीय कार्यशाला में राज्यपाल ने कहा
रांची : अादिवासी समाज देश का सबसे अच्छा समाज है. ये शांतिप्रिय, अहिंसक व खुश रहनेवाले लोग हैं. पर इस जमाने में जब चांद पर जाकर बसने की बात हो रही हो, सिर्फ खुश रहना ही काफी नहीं है. जीवन व तरक्की के लिए आर्थिक स्थिति भी बेहतर होनी चाहिए. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा न मिलने से भी ग्रामीण समाज पिछड़ा है. वहीं रोजगार व काम का भी अभाव है. खेती है, पर सिंचाई की अच्छी सुविधा नहीं. इन्हीं सब कारणों तथा खाली दिमाग के कारण आदिवासियों में एक भटकाव है. वह कभी-कभी गलत संगत तथा पलायन को मजबूर होते हैं. राज्यपाल द्रौपदी मुरमू ने यह बातें कही. वह स्व रामदयाल मुंडा सभागार, खेलगांव में खादी व ग्रामोद्योग आयोग की दो दिवसीय (17-18 अप्रैल) कार्यशाला अभ्यारण्य में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थीं. इसका आयोजन जनजातीय युवाअों को रोजगार से जोड़ने के लिए किया गया है.
राज्यपाल ने कहा कि खादी व ग्रामोद्योग से जुड़ कर ग्रामीणों का अार्थिक सुधार होगा. विकास भारती के कार्यक्षेत्र गुमला के बिशुनपुर भ्रमण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वहां जाकर वह अभिभूत हो गयीं, क्योंकि वहां आदिवासियों को रोजगार व बेहतर जीवन के सफल प्रयोग किये गये हैं. खादी व ग्रामोद्योग अायोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि हम पहली बार ऐसा कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. इसका श्रेय पद्मश्री अशोक भगत को जाता है, जो हमारे आयोग के वरिष्ठ सदस्य हैं. यह परिकल्पना उन्हीं की है. सक्सेना ने कहा कि खादी व ग्रामोद्योग के जरिये लोगों को ऋण, अनुदान व रोजगार देने का लक्ष्य तो हम पूरा कर लेते हैं, पर इसमें एससी तथा खासकर एसटी की भागीदारी नहीं हो पाती. इसलिए उन्हें जागरूक व प्रशिक्षित करने के लिए देश में पहली बार ऐसी कार्यशाला रांची में हो रही है.
इसके जरिये हम करीब पांच हजार लोगों को प्रशिक्षित करेंगे. प्रशिक्षित लोग बैंक से ऋण तथा आयोग से अनुदान प्राप्त कर अपना रोजगार शुरू कर सकते हैं. यह कार्यक्रम रेड कॉरिडोर (नक्सल प्रभावित) के अन्य राज्यों तेलंगना, आंध प्रदेश, अोड़िशा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार व पं बंगाल के लिए भी आयोजित होगा. श्री सक्सेना ने कहा कि खादी के अलावा प्रधानमंत्री अब हनी (शहद या मधु) मिशन की भी बात कर रहे हैं. श्वेत क्रांति के बाद स्वीट क्रांति की बात हो रही है.
मैं झारखंड में स्वीट क्रांति के लिए भी हरसंभव प्रयास करूंगा. पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि खादी व ग्रामोद्योग के विकास के लिए जनतायीय उप योजना (टीएसपी) का पैसा खर्च नहीं हो पा रहा है. इसलिए मैंने आयोग का सदस्य बनने की सहमति दी. झारखंड सहित अन्य जनजातीय इलाके में अब खादी व ग्रामोद्योग के जरिये स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जायेगा. श्री भगत ने कहा कि जंगलों में रहनेवाले लोगों के साथ छेड़छाड़ हो रही है, उन्हें डिस्टर्ब किया जा रहा है. इससे नौजवान हतप्रभ हैं. उनमें स्वाभिमान के साथ रोजगार के लिए एक उबाल है. इस परिस्थिति की चर्चा मैंने महामहिम (राज्यपाल श्रीमती मुरमू) से की. उन्होंने भी इस कार्यशाला में शामिल होने तथा सहयोग की सहमति दी.
कार्यशाला का नाम अभ्यारण्य रखने की वजह भी यही है कि जिस तरह जंगलों का विकास होता है, उसी तरह जंगल के लोगों का भी विकास वहीं के साधन से हो. झारखंड का यही मॉडल देश भर के ट्राइबल इलाके में लागू होगा. कार्यक्रम को अायोग के पूर्वी जोन की सदस्या संगीता कुमारी व आयोग की मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी (सीइअो) अंशु सिन्हा ने भी संबोधित किया. इससे पहले ग्रामोद्योग (साबुन निर्माण) में बेहतर काम करने वाली जमशेदपुर की नीलू रक्षित ने उपस्थित लोगों के साथ अपना अनुभव साझा किया. मौके पर झारखंड, प. बंगाल व अोड़िशा के खादी व ग्रामोद्योग अायोग तथा झारखंड राज्य खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड के पदाधिकारियों सहित झारखंड व अोड़िशा से प्रशिक्षण के लिए आये लोग उपस्थित थे.
कार्यशाला के दौरान आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में खादी व ग्रामोद्योग अायोग के अध्यक्ष वीके सक्सेना ने बताया कि स्वरोजगार व ऋण पाने के लिए आयोग को अॉनलाइन आवेदन देना होता है. एक जुलाई 2016 से पहले अॉफलाइन अावेदन भी लिये जाते थे, जो अब बंद कर दिये गये हैं. आवेदन की जांच तथा अन्य प्रक्रिया के बाद बैंक लोन देते हैं.
लाभुकों को आयोग की अोर से 30-35 फीसदी अनुदान मिलता है. ऋण मिलने में परेशानी न हो, इसके लिए अायोग के अधिकारी बैंक अधिकारियों के साथ सामंजस्य बना कर काम करते हैं. गत वर्ष अायोग ने 1280 करोड़ रु बतौर अनुदान बांटा. जबकि कुल चार लाख नये ग्रामोद्योग यूनिट के लिए 4500 करोड़ का ऋण दिये गये. श्री सक्सेना ने कहा कि झारखंड में खादी की संस्थाएं बहुत कम हैं. इस वर्ष हम कम से कम 10 संस्थाएं खोलने को प्रोत्साहित करेंगे. इसके अलावा बंदप्राय संस्थाअों को पुनर्जीवित करने का काम भी किया जायेगा.
राज्यपाल ने की पूजा-अर्चना
राज्यपाल द्रौपदी मुरमू सोमवार को मोरहाबादी पहुंचीं. वहां उन्होंने अनिलश्वरी धाम आंब्राकुंज में पूजा-अर्चना की. राज्यपाल के साथ कई अधिकारी भी उपस्थित थे. मंदिर के पुजारी ने राज्यपाल को पूजा करायी.

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