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सरपंच बनी हैं, तो घूंघट से बाहर आइए : मेनका

क्षमता विकास. महिला पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण रांची : केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि देश में 40 साल पहले पंचायतों को शक्ति दी गयी थी, तब 33 फीसदी महिलाअों को सीट देने की बात हुई, पर अब इसे बड़ा कर 50 फीसदी कर दिया गया है. आज महिलाएं चुन […]

क्षमता विकास. महिला पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण
रांची : केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि देश में 40 साल पहले पंचायतों को शक्ति दी गयी थी, तब 33 फीसदी महिलाअों को सीट देने की बात हुई, पर अब इसे बड़ा कर 50 फीसदी कर दिया गया है. आज महिलाएं चुन कर सरपंच तो बन जा रही हैं, पर उसके बाद वापस घूंघट में चली जा रही हैं. घर में रह जाती हैं. ऐसा न हो.
उन्होंने कहा कि पंचायतों का सारा पैसा खर्च करने से लेकर मनरेगा व अन्य योजनाअों का काम उनका पुरुष करता है. बाद में खामियां मिलती है, तो हम उस पर कार्रवाई नहीं कर पाते, क्योंकि उसका साइन नहीं होता है. हम चाहते हैं कि महिलाएं ऊपर उठें. एमएलए, एमपी, मेयर बने.
देश की सेवा करे, पर देखा जा रहा है कि 10 लाख में से एक ही सरपंच राजनीति में आ पाती हैं. वह गांव भी ठीक से नहीं चला पाती हैं. इस प्रोग्राम का मकसद है कि महिला सरपंच को हम सिखायें. मॉड्यूल के बारे में बतायें. गांव में पैसा मिल रहा है, उसे कैसे खर्च करें. सरपंचों को सड़क बनाने की जानकारी नहीं है. जैसे-तैसे सड़कें बनती है, एक ही बारिश में टूट जाती है. उन्हें इंजीनियरिंग सिखायें. श्रीमती गांधी सोमवार को सर्ड में आयोजित पंचायतों की मुखिया व मास्टर ट्रेनर्स को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहीं थी. मौका था झारखंड के तीन जिलों सिमडेगा, पाकुड़ व चतरा में ट्रेनिंग कार्यक्रम की शुरुआत का.
इन तीन जिलों को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चुना गया है. कार्यक्रम राष्ट्रीय महिला आयोग व नेशनल इंस्टीट्यूट अॉफ रूरल डेवलपमेंट की अोर से कराया गया. इसका आयोजन सर्ड ने किया था. मौके पर अलग-अलग जिलों से बड़ी संख्या में महिला मुखिया व मास्टर ट्रेनर्स पहुंचे हुए थे.
तीन हजार को दी जायेगी ट्रेनिंग : मृदुला : सर्ड की महानिदेशक मृदुला सिन्हा ने कहा कि यहां मुखिया व ट्रेनर्स को ट्रेनिंग दी जायेगी. इस कार्यक्रम के माध्यम से 3000 महिलाअों को प्रशिक्षित किया जायेगा. यह एक अच्छी शुरुआत है. यहां तीन दिनों तक ट्रेनिंग होगा. यहां से सीख कर मास्टर ट्रेनर्स अपनी पंचायतों में जायेंगे.
झारखंड से शुरुआत गर्व की बात : वंदना : पंचायती राज सचिव वंदना डाडेल ने कहा कि यह गर्व की बात है पूरे देश में ट्रेनिंग कार्यक्रम की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में झारखंड से की जा रही है. यहां तीन जिले सिमडेगा, पाकुड़ व चतरा में इस ट्रेनिंग कार्यक्रम को शुरू किया जा रहा है. यहां की महिला जन प्रतिनिधियों को सीख कर सशक्त होने का मौका मिला है.
महिला जनप्रतिनिधियों के लिए ट्रेनिंग जरूरी : पूनम : गोड्डा की मुखिया पूनम देवी नयी दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग में थीं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमें कहां से क्या पैसा व योजना पास कराना है, यह जानना होगा. इसके लिए पूरी ट्रेनिंग की जरूरत है. किसी के साथ बुरा बर्ताव हो रहा है, तो इससे भी निबटना आना होगा. हमें पूरी ट्रेनिंग चाहिए, नहीं तो हम भटक जायेंगे. ट्रेनिंग से ही महिलाएं जागरूक होंगी़
पीएम की तरह ही क्षेत्र की जिम्मेवारी सरपंचों की भी
पंचायती राज मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि महिलाअों का सशक्तीकरण हो, देश का नवनिर्माण में उनका सहयोग हो. प्रधानमंत्री देश के लिए जितने जवाबदेह हैं, ठीक उसी तरह महिला सरपंचों की भी अपने क्षेत्र के लिए उतनी ही जवाबदेही है. उन्होंने कहा कि तकनीकी ढंग से काम हो. इसके लिए एडवांस प्लानिंग करनी चाहिए. हर साल क्या करेंगे, यह तय हो. सड़क-नाली से ही पंचायतों का विकास नहीं, बल्कि सामाजिक काम से भी होता है. कैशलेस जितना बढ़ेगा, ईमानदारी बढ़ेगी, भ्रष्टाचार उतना ही कम होगा. पहले मरीजों को स्टेंट लगाते थे, जो 50 या 80 हजार में मिलते थे, प्रधानमंत्री ने उसे घटा कर पांच हजार रुपये दाम कर दिया है. राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ललिथा कुमार मंगलम ने कहा कि ट्रेनिंग के जरिये चयनित महिलाअों को सशक्त बनायें. वह ट्रेनिंग पाकर केवल पंचायत ही न चलायें, बल्कि अपने जीवन में भी आगे बढ़ें.
नाराज हुईं मेनका
मेनका गांधी ने कहा कि मैंने इतना कहा, लेकिन समझ नहीं आ रहा है कि आपके सामने कॉपी क्यों नहीं है. अगर मैं बता रही हूं और आप लिखेंगे नहीं, तो समझेंगे कैसे. मैं जो बता रही हूं, उसे आप लिखें और काम करें. लफंगे लड़कियों को तंग करते हैं, तो कैसे उनसे उन्हें बचाना है. महिलाअों को गंभीर बीमारी हो और परिवार वाले अस्पताल नहीं ले जा रहे हैं.लड़के हैं तो ले जायेंगे, लड़की हो तो नहीं, ऐसा होता है. यह काम भी सरपंच का है. मां-बाप लड़की को स्कूल नहीं भेज रहा है, तो देखिये.
टंडवा की मुखिया गुंजन कुमारी ने पीड़ा बतायी
सर्ड में मौजूद टंडवा स्थित बचरा नॉर्थ की मुखिया गुंजन कुमारी ने केंद्रीय मंत्रियों को बताया कि पंचायती व्यवस्था के महत्वपूर्ण अंग वार्ड व पंचायत सदस्यों को काम में कोई दिलचस्पी नहीं है. वे काम में ध्यान नहीं दे रहे हैं. बस वे जीत कर आ गये हैं. इसके आगे कुछ नहीं करते हैं. मनरेगा में काफी गड़बड़ियां हैं. इस पर ध्यान देना होगा.

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