सरकार से दो सप्ताह में मांगा जवाब
रांची : ढाई साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी 18 क्लर्क की पोस्टिंग नहीं करने से संबंधित मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस पीके मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने प्रभात खबर में छह अप्रैल को छपी खबर को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया […]
रांची : ढाई साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी 18 क्लर्क की पोस्टिंग नहीं करने से संबंधित मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. चीफ जस्टिस पीके मोहंती व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने प्रभात खबर में छह अप्रैल को छपी खबर को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है.
साथ ही सरकार से इस मामले में दो सप्ताह में जवाब मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तिथि तय की गयी है.
ग्राम न्यायालय खुला नहीं चक्कर लगा रहे अभ्यर्थी : ढाई साल से अधिक समय बीत जाने के बाद अब तक 18 सफल अभ्यर्थियों की पोस्टिंग नहीं हो पायी है. पोस्टिंग को लेकर अभ्यर्थियों ने सरकार समेत सक्षम अधिकारियों के समक्ष आवेदन दिया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कई जिलों में ग्राम न्यायालय नहीं खुलने की वजह से इनकी पोस्टिंग नहीं हो पायी है. झारखंड हाइकोर्ट ने जनवरी 2014 में सिविल कोर्ट में असिस्टेंट और सीबीआइ, फैमिली कोर्ट व ग्राम न्यायालय में क्लर्क की नियुक्ति को लेकर विज्ञापन निकाला था. अप्रैल 2014 में लिखित परीक्षा आयोजित हुई. जुलाई में रिजल्ट और पोस्टिंग लिस्ट जारी किया गया.
इसमें से 280 सफल अभ्यर्थियों में 259 की बहाली हो गयी है. सिर्फ 21 वैसे अभ्यर्थी रह गये हैं, जिनकी पोस्टिंग ग्राम न्यायालय में हुई. बाद में इनमें से तीन लोगों की बहाली कोडरमा जिला में कर दी गयी. शेष 18 सफल अभ्यर्थी अब भी पोस्टिंग के इंतजार में हैं.