मांग से आधी जलापूर्ति हो रही है हजारीबाग में, वर्ष 2050 तक के लिए योजना तैयार, 300 करोड़ की लागत से बनेगी जलापूर्ति परियोजना

रांची: हजारीबाग में 300 करोड़ की लागत से जलापूर्ति परियोजना का प्रस्ताव नगर विकास विभाग ने तैयार किया है. विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने इस पर अविलंब काम आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है. हजारीबाग शहर को कोनार डैम से जलापूर्ति की जायेगी. जहां 40 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जायेगा. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2017 6:28 AM
रांची: हजारीबाग में 300 करोड़ की लागत से जलापूर्ति परियोजना का प्रस्ताव नगर विकास विभाग ने तैयार किया है. विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने इस पर अविलंब काम आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है.
हजारीबाग शहर को कोनार डैम से जलापूर्ति की जायेगी. जहां 40 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जायेगा. बताया गया कि वर्तमान में हजारीबाग नगर निगम की जनसंख्या एक लाख 97 हजार 466 है. वर्तमान जनसंख्या के अनुसार 23.48 एमएलडी जलापूर्ति की मांग है. जिसके विरुद्ध लगभग 11 एमएलडी ही जलापूर्ति की जा रही है. वर्तमान में हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में छड़वा डैम व हजारीबाग झील से जलापूर्ति की जाती है, जो इतनी बड़ी आबादी के लिए अपर्याप्त है.

निगम क्षेत्र में समुचित वितरण व्यवस्था की अनुपलब्धता के कारण बड़ी आबादी को जलापूर्ति सुविधा से वंचित रहना पड़ता है. विभाग द्वारा बताया गया कि अभी छड़वा डैम से 9.8 एमएलडी और हजारीबाग झील से 0.9 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगा हुआ है, जो पर्याप्त नहीं है. प्रस्तावित नयी परियोजना में 40.97 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा, जिसे अगले 30 वर्षों की मांग के आधार पर डिजाइन किया गया है.

विभाग द्वारा वर्ष 2050 तक हजारीबाग शहरी क्षेत्र की आबादी चार लाख 53 हजार 791 होने का अनुमान लगाया गया है, जिसके आधार पर पानी की कुल मांग 56 एमएलडी होगी. इसके लिए अब हजारीबाग शहर से 47 किलोमीटर दूर कोनार डैम से
जलापूर्ति की योजना तैयार की गयी है. इसका नेटवर्क डिजाइन तैयार कर लिया गया है.
इसका डीपीआर सेटेक लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है. डीपीआर के अनुसार पूरी परियोजना पर 300 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें परियोजना निर्माण पर 280.71 करोड़ व भूमि अधिग्रहण पर 1.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे. पांच वर्षों के लिए अॉपरेशन एवं मेंटेनेंस पर 17.81 करोड़ रुपये खर्च होंगे. बताया गया कि अमृत योजना के तहत इस जलापूर्ति योजना को पूरा किया जायेगा.

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