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रांची: हरमू मुक्तिधाम स्थित विद्युत शवदाहगृह के जीर्णोद्धार के लिए रांची नगर निगम की ओर से पांच बार टेंडर निकाला गया, लेकिन इस शवदाहगृह की मरम्मत के लिए किसी एजेंसी ने रुचि नहीं दिखायी. किसी एजेंसी के टेंडर में भागीदारी नहीं करने से निगम के अधिकारी भी अब पशोपेश में हैं कि आखिर विद्युत शवदाहगृह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2017 7:11 AM
रांची: हरमू मुक्तिधाम स्थित विद्युत शवदाहगृह के जीर्णोद्धार के लिए रांची नगर निगम की ओर से पांच बार टेंडर निकाला गया, लेकिन इस शवदाहगृह की मरम्मत के लिए किसी एजेंसी ने रुचि नहीं दिखायी. किसी एजेंसी के टेंडर में भागीदारी नहीं करने से निगम के अधिकारी भी अब पशोपेश में हैं कि आखिर विद्युत शवदाहगृह दुरुस्त हो तो कैसे.
रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार द्वारा इस शवदाहगृह का निर्माण वर्ष 2008 में कराया गया था. वर्ष 2010 में यहां पहली लाश जली थी. इसका उदघाटन करने के लिए भी निगम को रिम्स से लावारिस लाशें मंगानी पड़ी थी. उस समय छह लाशें जला कर इसका उदघाटन किया गया था. वर्ष 2008 में इसके निर्माण पर 1.43 करोड़ की राशि खर्च हुई थी.
स्थानीय लोगों का दिनोंदिन बढ़ रहा विरोध
हरमू मुक्तिधाम के समीप शेड में लाश जलाये जाने का स्थानीय लोग अब विरोध करने लगे हैं. हाल ही में वार्ड नंबर 37 के पार्षद अरुण कुमार झा ने नगर आयुक्त प्रशांत कुमार से मांग की थी कि या तो विद्युत शवदाहगृह बनाया जाये या फिर यहां खुले में जो लाश जलायी जाती है, उस पर रोक लगे. वार्ड पार्षद ने कहा कि वर्तमान में जिस जगह पर लाश जलायी जाती है, उसके चारों ओर घनी आबादी है. इसलिए नगर निगम की ओर से जल्द से जल्द विद्युत शवदाहगृह की मरम्मत करायी जाये.
विद्युत शवदाहगृह की मरम्मत का कार्य जालंधर में व्यापक पैमाने पर होता है. हमारी योजना निगम की एक टीम जालंधर भेजने की है. जल्द ही इस पर कोई ठोस निर्णय लिया जायेगा.
संजीव विजयवर्गीय, उप महापौर, रांची नगर निगम

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