पानी के लिए रोज 10 फीट की सुरंग में उतरते हैं लोग

एक मोहल्ला ऐसा भी. बरियातू इलाके के खेरवा कोचा में गांव से भी बदतर हैं हालात रांची : प्रचंड गरमी के आने में अभी कुछ दिन और बाकी हैं, लेकिन राजधानी रांची के कई हिस्सों में पानी किल्लत अभी से ही गहरा गयी है. बरियातू इलाके में वार्ड नंबर-4 का खेरवा कोचा मोहल्ले की हालत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2017 6:10 AM
एक मोहल्ला ऐसा भी. बरियातू इलाके के खेरवा कोचा में गांव से भी बदतर हैं हालात
रांची : प्रचंड गरमी के आने में अभी कुछ दिन और बाकी हैं, लेकिन राजधानी रांची के कई हिस्सों में पानी किल्लत अभी से ही गहरा गयी है. बरियातू इलाके में वार्ड नंबर-4 का खेरवा कोचा मोहल्ले की हालत भी इन दिनों ऐसी ही है. यहां के लोग रोजाना जान हथेली पर रखकर पानी निकालने के लिए 10 फीट गहरे सुरंग में उतरते हैं. रविवार को ‘प्रभात खबर आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत यहां के लोगों ने अपनी पीड़ा संवाददाता से साझा की.
लोगों ने कहा : राजधानी को भले ही स्मार्ट सिटी का दरजा मिल गया है, लेकिन हमारी किस्मत आज तक नहीं बदली. एक साल पहले ही मोहल्ले में पानी की पाइप लाइन बिछायी गयी थी, लेकिन आज तक इस पाइप लाइन में पीने का पानी नहीं आया है. इस बारे में जब वार्ड की पार्षद सुधा देवी सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा : पेयजल विभाग के अभियंताओं पूछ-पूछ कर थक गयी हूं. पहले तो ये लोग ठीक से बात ही नहीं करते हैं. जब कार्यालय में जाकर मिलती हूं, तो कहा जाता है कि आप हायर ऑथोरिटी में जाकर बात कीजिए. हमें नहीं पता कि पाइप लाइन से पानी कब आयेगा.
मंदिर निर्माण पर भ्री आफत
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि एक माह पूर्व ही बजरंगबली मंदिर का प्लास्टर करने का सामान और चबूतरा बनाने के लिए ईंटें गिरायी हैं, लेकिन पानी नहीं होने की वजह से अब तक काम शुरू नहीं हो पाया है. यहां तो पीने के पानी पर आफत है. ऐसे में हम मंदिर बनाने के लिए पानी कहां से लायें?
पत्थरों से बनी है सुरंग
खेरवा कोचा मोहल्ले से 100 मीटर दूर एक 10 फीट गहरा गड्ढा है. पहाड़ी के किनारे पर स्थित इस गड्ढे के चारों और पत्थरों के छोटे-छोटे चट्टान हैं. इस गड्ढे में आम तौर पर बरसात के दिन में पानी लबालब भरा रहता है. परंतु गरमी के दिनों में पानी इसमें रिस-रिस कर आता है. मोहल्ले के युवक इसी गड्ढे के ऊपर पानी के बरतन लेकर खड़े रहते हैं. जैसे ही इसमें रिसकर पानी इकट्ठा हाेता है. युवक पत्थरों से लटकते हुए नीचे उतरते हैं. फिर ऊपर बैठा युवक रस्सी में बरतन बांध कर नीचे लटकाता है. नीचे बैठा युवक कटोरी या प्लास्टिक से पानी निकालकर इस बरतन में भरता है.

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