आधार डाटा लीक होने की खबर गलत : सचिव
सरकार के सचिव ने ट्वीट करनेवाले का दावा किया खारिज कहा : सिर्फ चार अंक ही प्रदर्शित किये जाते हैं पूरा आधार नंबर नहीं रांची : सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों का अाधार डाटा लीक होने की खबर का राज्य सरकार ने खंडन किया है. 23 अप्रैल को मीडिया में यह खबर आयी थी कि झारखंड के […]
सरकार के सचिव ने ट्वीट करनेवाले का दावा किया खारिज
कहा : सिर्फ चार अंक ही प्रदर्शित किये जाते हैं पूरा आधार नंबर नहीं
रांची : सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारियों का अाधार डाटा लीक होने की खबर का राज्य सरकार ने खंडन किया है. 23 अप्रैल को मीडिया में यह खबर आयी थी कि झारखंड के 10 लाख पेंशन भोगियों की अाधार नंबर से जुड़ी सूचनाएं (नाम, पता, खाता वगैरह) लीक हो गयी हैं. यानी आधार नंबर की सहायता से उनकी ये सूचनाएं सार्वजनिक हो गयी हैं. लेकिन, समाज कल्याण सचिव एमएस भाटिया ने इस खबर को पहले दिन की तरह ही फिर से गलत व बेबुनियाद बताया है.
उन्होंने कहा कि कोई भी पेंशनर सिर्फ दो तरीके से अपने विभिन्न पेंशन (वृद्धा, विधवा, विकलांगता व अन्य) से जुड़ा एकाउंट (खाता) दो तरीके से ही एक्सेस (खोल) कर सकता है. एक राज्य सरकार द्वारा सभी पेंशनधारियों को दिये गये 14 अंकों वाले पर्सन आइडी (पीआइडी) नंबर से या फिर अपने खुद के आधार नंबर से. पर जब कंप्यूटर पर उसका एकाउंट खुलेगा, तो उसमें उसका आधार नंबर पूरा लिखा नहीं होता है. कुल 12 डिजिट (अंक) वाले आधार नंबर में से संबंधित पेंशनधारी का बीच का सिर्फ चार अंक ही उसमें दिखायी देता है.
यह संभव ही नहीं कि कोई किसी का आधार नंबर जान ले श्री भाटिया ने कहा कि अखबारों में छपी यह खबर बेबुनियाद है. दरअसल आधार डाटा लीक या सार्वजनिक होने संबंधी सूचना एक ट्विट के जरिये फैलायी गयी. इसमें रोड स्कॉलर नाम के ट्विटर ने दावा किया था कि झारखंड के 10 लाख पेंशनधारियों का आधार डाटा सार्वजनिक हो गया है.