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किस्तों में ली जाये लेबर सेस की राशि

प्रोजेक्ट भवन में बैठक, चेंबर की मांग चेंबर ने की रामगढ़ में फ्लैट की निबंधन दर निर्धारित करने की मांग सचिव ने संबंधित अधिकारियों से सप्ताह भर में रिपोर्ट देने काे कहा रांची : राजस्व सचिव केके सोन और झारखंड चेंबर की बैठक शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई. बैठक में भूमि सुधार से संबंधित […]

प्रोजेक्ट भवन में बैठक, चेंबर की मांग
चेंबर ने की रामगढ़ में फ्लैट की निबंधन दर निर्धारित करने की मांग
सचिव ने संबंधित अधिकारियों से सप्ताह भर में रिपोर्ट देने काे कहा
रांची : राजस्व सचिव केके सोन और झारखंड चेंबर की बैठक शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन में हुई. बैठक में भूमि सुधार से संबंधित समस्याओं पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई. चेंबर के सदस्यों ने कहा कि कंस्ट्रक्शन रेट के कुल मूल्य का एक फीसदी लेबर सेस, जिसे एकमुश्त भुगतान की व्यवस्था की गई है, इससे बिल्डरों को परेशानी होती है. लेबर सेस को एकमुश्त नहीं लेते हुए निर्माण कार्य पूरा होने के अंत तक प्रत्येक वर्ष (किस्तों में) लेने की व्यवस्था की जाये. कंस्ट्रक्सन रेट को भी कम किया जाये.
चेंबर ने कहा कि रामगढ़ में नगर परिषद के गठन के बाद भूमि का सर्किल रेट काफी अधिक है. वहां पर शहरी क्षेत्र भूमि का सर्किल रेट, नगर परिषद भूमि का सर्किल रेट और ग्रामीण क्षेत्र भूमि का सर्किल रेट अलग-अलग है. फ्लैट का रेट निर्धारित नहीं होने से निबंधन विभाग द्वारा सर्किल रेट के आधार पर ही फ्लैट का निबंधन किया जाता है. रामगढ़ में नगर परिषद क्षेत्र, शहरी क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्र भूमि के अंतर्गत फ्लैट की निबंधन दर निर्धारित की जाये. इस पर विभागीय सचिव केके सोन ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. जमीनों के म्यूटेशन में हो रही कठिनाइयों के निराकरण का भी आग्रह किया गया.
उद्योग सचिव के साथ बैठक
इसके बाद झारखंड चेंबर ने उद्योग सचिव सुनील बर्णवाल के साथ औपचारिक मुलाकात की. चेंबर ने कहा कि प्रोसपेक्टिव लीज प्राप्त माइका एवं अन्य खनिजों के आवेदनों को भी शीघ्र स्वीकृत किये जाने की आवश्यकता है. ताकि बड़े स्तर पर उद्योग, व्यवसाय, नियोजन एवं निर्यात को बढ़ावा मिल सके. झारखंड चेंबर ने परिवहन विभाग के संयुक्त परिवहन आयुक्त शेखर जमुआर के साथ भी बैठक की.
बैठक में सेकेंड हैंड मोटरवाहनों के रजिस्ट्रेशन में होनेवाली समस्याओं पर चर्चा की. चेंबर ने कहा कि किसी व्यवसायी द्वारा टैक्स के रूप में मानवीय भूल के कारण अधिक राशि जमा करा दी गयी है, लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था में जमा किये गये अधिक राशि को वापस प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है. विभागीय संयुक्त आयुक्त ने कहा कि वित्त विभाग से सुझाव मांगा गया है.
जिन व्यवसायियों की अधिक राशि जमा हुई है, उन्हें वापस कर दिया जायेगा. प्रतिनिधिमंडल में झारखंड चेंबर के अध्यक्ष विनय अग्रवाल, उपाध्यक्ष कुणाल अजमानी, महासचिव रंजीत गाड़ोदिया, सदस्य अंचल किंगर, आलोक सरावगी, पवन अग्रवाल, क्रेडाइ अध्यक्ष कुमुद झा आदि शामिल थे.

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