घरों को उजड़ने से बचायेंगे शराब हर हाल में बंद करायेंगे

शराब के खिलाफ महिला आजसू ने दिया धरना रांची : राज्य में शराब बंद करने की मांग को लेकर महिला आजसू के बैनर तले सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मोरहाबादी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया. महिलाओं ने नारेबाजी की और सरकार को चेताया कि राजस्व के मोह से बाहर निकले तथा शराब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2017 6:57 AM
शराब के खिलाफ महिला आजसू ने दिया धरना
रांची : राज्य में शराब बंद करने की मांग को लेकर महिला आजसू के बैनर तले सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मोरहाबादी मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया. महिलाओं ने नारेबाजी की और सरकार को चेताया कि राजस्व के मोह से बाहर निकले तथा शराब बेचने के बजाय इसे बंद कराया जाये.
आजसू की महिला प्रदेश अध्यक्ष वायलट कच्छप ने कहा कि झारखंड की लाखों महिलाएं शराब के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं. लेकिन, अब तो सरकार खुद राजस्व बढ़ाने के लिए शराब बेचने की तैयारी में है. गली-मुहल्ले में शराब दुकान खोले जा रहे हैं. प्रदेश महासचिव जोबा रानी पाल ने कहा कि आजसू पार्टी के महाधिवेशन में पारित 29 राजनीतिक प्रस्तावों में शराबबंदी सबसे ऊपर और महत्वपूर्ण है.
महिला इसे बंद इसलिए कराना चाहती हैं कि रोज किसी की मांग उजड़ रही है, तो किसी का गोद सूना हो रहा है. धनबाद की चंचला देवी ने कहा कि गांवों में तथा हाट-बाजार में हर दसवें कदम पर शराब बनती-बिकती है. प्रोफेसर अनिता शेखर ने कहा कि झारखंड में अपराध और महिला हिंसा की जड़ भी शराब है.
उपाध्यक्ष शोभा पाल ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि बिहार की तर्ज पर हरगिज शराब बंद नहीं करेंगे. उन्हें जो मॉडल पसंद है उसे लागू करें, लेकिन शराब बंद हो. जिला परिषद उपाध्यक्ष पार्वती देवी ने कहा कि हाल के दिनों में कांके तथा लातेहार में शराब पीकर वाहन चलाने के कारण दर्जनों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो, इसलिए शराबबंदी आवश्यक है. राज्य का गौरव कहे जानेवाले हरमू बाईपास रोड में कई शराब की दुकानों पर शराब पीने वालों की हरकतें आये दिन देखी जा सकती है.
मौके पर शोभा रानी महतो, बसंती कुंभकार, सुधा रानी बेसरा, सुधा मुंडू, अनिता साहू, प्रियंका कुमारी, रीना केरकेट्टा, हेमलता उरांव, बीणा देवी, सरिता देवी, संगीता बारला, तारामनी साहू, सीमा सिंह, फूलकुमारी देवी, ललिता देवी, अनिता देवी, नेहा प्रसाद आदि महिला नेत्रियों ने विचार रखे.

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