रांची. झारखंड में महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. मतदान में भी महिलाओं की भागीदारी की दर में वृद्धि दर्ज की जा रही है. लेकिन, चुनावी दंगल में महिलाओं को सफलता हाथ नहीं लग रही है. राज्य में अब तक हुए लोकसभा चुनावों में 98 प्रतिशत महिला प्रत्याशी अपनी जमानत बचाने में भी सफल नहीं हो सकी है. अब तक सबसे ज्यादा तीन महिला प्रत्याशी राज्य गठन के बाद वर्ष 2004 में हुए पहले चुनाव के दौरान अपनी जमानत बचाने में सफल रहीं. 2009 और 2014 के चुनावों में एक-एक महिला प्रत्याशी की जमानत बची थी. वहीं, 2019 में संपन्न लोकसभा चुनाव में दो महिलाओं को जमानत बचाने में सफलता हाथ लगी थी. झारखंड में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले तेजी से बढ़ रही है. राज्य के 25 विधानसभा क्षेत्रों में तो पुरुष मतदाताओं की संख्या महिला मतदाताओं से कम हो गयी है. अंतिम प्रकाशित मतदाता सूची में महिला और पुरुष वोटरों का अंतर घट कर चार लाख से थोड़ा ही ज्यादा रह गया है. वर्तमान में राज्य में वोटरों की कुल संख्या 25518642 है. इनमें से 12996824 पुरुष व 12519620 महिला मतदाता हैं. इस रफ्तार से अगले कुछ वर्षों में महिला मतदाता संख्या के मामले में पुरुष मतदाताओं से आगे निकल जायेंगी. 2024 के लोकसभा चुनाव में राज्य में पहली बार वोट देनेवाले मतदाताओं में भी युवतियां युवकों से आगे निकल गयी हैं. लोकसभा चुनाव में पहली बार वोट करने वाली युवतियों की कुल संख्या 1139960 है. वहीं, 1093718 युवा पहली बार वोट डालेंगे. 18 से 19 वर्ष आयु वर्ग के कुल मतदाताओं की संख्या 7,71,618 है. इनमें महिला मतदाता 4,26,717 व पुरुष मतदाता 3,44,866 हैं. यह पहली बार है, जब युवा मतदाताओं में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक हो गयी है.
98 फीसदी महिला प्रत्याशी नहीं बचा पाती हैं जमानत
झारखंड में महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. मतदान में भी महिलाओं की भागीदारी की दर में वृद्धि दर्ज की जा रही है. लेकिन, चुनावी दंगल में महिलाओं को सफलता हाथ नहीं लग रही है.
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