बाल सुधार गृह के बच्चों के पुनर्वास की नयी पहल
रांची : डुमरदगा स्थित बाल संप्रेक्षण (बाल सुधार) गृह के किशोरों के पुनर्वास के लिए नयी पहल की गयी है. 28 जनवरी 2017 से बाल सुधार गृह में रहनेवाले किशोरों के लिए स्क्रीन अौर ऑफसेट प्रिंटिंग का व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है. प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद उन्हें प्रमाणपत्र के साथ-साथ रोजगार से […]
रांची : डुमरदगा स्थित बाल संप्रेक्षण (बाल सुधार) गृह के किशोरों के पुनर्वास के लिए नयी पहल की गयी है. 28 जनवरी 2017 से बाल सुधार गृह में रहनेवाले किशोरों के लिए स्क्रीन अौर ऑफसेट प्रिंटिंग का व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है. प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद उन्हें प्रमाणपत्र के साथ-साथ रोजगार से जोड़ने की पहल की जायेगी.
उक्त आशय की जानकारी जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट फहीम किरमानी अौर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार सिंह ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में दी. उन्होंने बताया कि किशोरों के पुनर्वास की यह पहल झारखंड हाइकोर्ट के किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष सह झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस डीएन पटेल के निर्देश पर की गयी है.
जेजेबी के प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट फहीम किरमानी ने बताया कि गत 12 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस मदन बी लोकुर ने बाल सुधार गृह का दौरा कर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे किशोरों से मुलाकात की थी. उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना की. इसके अलावा पिछले दिनों जस्टिस डीएन पटेल, प्रधान न्यायायुक्त नवनीत कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकार रांची के पदाधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के पदाधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में व्यावसायिक प्रशिक्षण को अौर प्रभावी बनाने पर भी विचार किया गया है.