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रिम्स में अगले माह शुरू हो जायेगी हार्ट की छोटी सर्जरी
रांची : योगदान देने के बाद डॉ अंशुल कुमार ने रिम्स का सीटीवीएस विंग देखा. इसके बाद उन्होंने रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरलवा से छोटी सर्जरी काे शुरू करने की मंशा जाहिर की है. इस पर रिम्स प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए कार्डियोलॉजी के सीटीवीएस का ऑपरेशन थियेटर (वर्तमान में कैथ […]
रांची : योगदान देने के बाद डॉ अंशुल कुमार ने रिम्स का सीटीवीएस विंग देखा. इसके बाद उन्होंने रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरलवा से छोटी सर्जरी काे शुरू करने की मंशा जाहिर की है. इस पर रिम्स प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए कार्डियोलॉजी के सीटीवीएस का ऑपरेशन थियेटर (वर्तमान में कैथ लैब के बगल में) तैयार किया जायेगा. यहां हार्ट की वैस्कुलर सर्जरी (एक्युट लिंब इस्किमिया), एबोलेक्टोमी (हार्ट की धमनी में जमे खून के थक्के की सर्जरी) व दुर्घटना में घायल मरीजों के क्षतिग्रस्त हार्ट की सर्जरी की जा सकेगी. गौरतलब है कि रिम्स राज्य का पहला सरकारी मेडिकल कॉलेज होगा, जहां ओपेन हार्ट सर्जरी की तैयारी की जा रही है.
तीन माह में तैयार होगा कार्डियेक माॅड्यूटर ओटी : रिम्स में ओपेन हार्ट सर्जरी के तीन से चार माह में शुरू हाेने की उम्मीद है. कार्डियोलॉजी विंग के दूसरे तल्ले पर माॅड्यूलर कार्डियेक ऑपरेशन थियेटर तैयार किया जायेगा.
रिम्स के जिस एजेंसी को न्यूरो सर्जरी अोटी व इएनटी ओटी को तैयार करने का जिम्मा दिया गया है, उसे ही सीटीवीएस विभाग के ओटी का भी जिम्मा दिया जायेगा. एजेंसी तीन माह के अंदर ओटी तैयार कर देगा. इसी दौरान रिम्स प्रबंधन हार्ट लंग मशीन भी मंगा लेगा. मशीन आने के बाद ओपेन हर्ट सर्जरी भी शुरू हो जायेगी.
सीटीवीएस विंग छोड़ चुके हैं दो चिकित्सक : रिम्स के सीटीवीएस विंग में दो कार्डियेक सर्जन डॉ संजीव कुमार एवं डॉ मनोज मोहराना ने योगदान दिया, लेकिन विंग के शुरू नहीं होने के कारण वे चले गये. हालांकि, डॉ अंशुल रिम्स के विद्यार्थी हैं और बिहार के रहने वाले हैं.
एम्स में एमसीएच की शिक्षा ले रहे डॉ चौधरी भी अगले माह में योगदान दे देंगे. इसके बाद सीटीवीएस समृद्ध हो जायेगा. वह भी झारखंड के रहने वाले हैं. ऐसे में इन चिकित्सकों के यहां लंबे समय तक रहने की उम्मीद है.
हार्ट सर्जरी का ओपीडी अब तीन दिन : रिम्स की हार्ट सर्जरी का ओपीडी भी अब सप्ताह में तीन दिन चलेगा. डॉ अंशुल कुमार के आने के बाद अब ओपीडी सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चलेगा. कार्डियोलॉजी एवं सर्जरी विभाग से रेफर मरीज भी सीटीवीएस के ओपीडी में परामर्श ले पायेंगे. वर्तमान में दो दिन ही ओपीडी संचालित होता था.
सीटीवीएस में डॉ अंशुल कुमार ने योगदान दे दिया है. उन्होंने हार्ट की छोटी सर्जरी शुरू करने के लिए सीटीवीएस की ओटी में व्यवस्था करने के लिए कहा है. हमारा प्रयास है कि हम शीघ्र राज्य के हृदय रोगियों लाभ पहुंचा सकें.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक रिम्स
कौन हैं डॉ अंशुल
रिम्स बिहार के आरा के रहने वाले हैं. उन्होंने दरभंगा मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है और रिम्स के सर्जरी विभाग से एमएस की डिग्री ली है. राम मनोहर लोहिया (आरएलएम) से कार्डियेक सर्जरी में एमसीएच की डिग्री ली है.इसके बाद वे एस्कार्ट दिल्ली में सेवा दे रहे थे.
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