स्वच्छता की दौड़ में फिर पिछड़ गयी अपनी रांची, आज जारी होगी रैंकिंग
रांची : स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 के तहता आयोजित प्रतियोगिता में देश भर के 500 शहरों ने शिरकत की थी. चार मई को नयी दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा सभी शहरों की स्वच्छता रैंकिंग जारी की जायेगी. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू स्वच्छ शहरों की सूची जारी करेंगे. इसमें शामिल स्वच्छ […]
रांची : स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 के तहता आयोजित प्रतियोगिता में देश भर के 500 शहरों ने शिरकत की थी. चार मई को नयी दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय द्वारा सभी शहरों की स्वच्छता रैंकिंग जारी की जायेगी. केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू स्वच्छ शहरों की सूची जारी करेंगे. इसमें शामिल स्वच्छ शहरों को पुरस्कृत भी किया जायेगा. स्वच्छ शहरों की सूची में जमशेदपुर व चास के शामिल होने पर पुरस्कार लेने के लिए नगर विकास विभाग के प्रभारी सचिव राकेश शर्मा दिल्ली पहुंच गये हैं.
बीते साल हुए स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता में देशभर के 73 शहरों को शामिल किया गया था. उस समय झारखंड के मात्र तीन निकायों ने भाग लिया था. इस बार जब यह प्रतियोगिता आयोजित की गयी तो देश भर के 500 शहरों (एक लाख अथवा उससे अधिक आबादी वाले) ने हिस्सा लिया. इस सर्वेक्षण में झारखंड के कुल 9 शहर भाग लिया था. इनमें रांची, धनबाद, एवं जमशेदपुर दूसरी बार इस जबकि देवघर, हजारीबाग, चास, मानगो, आदित्यपुर एवं गिरिडीह पहली बार शामिल हुए थे.
केंद्र की टीम ने किया था शहर का दौरा
केंद्र सरकार द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 के तहत राजधानी रांची की सफाई व्यवस्था का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार की टीम रांची आयी थी. तीन दिनों तक राजधानी में टीम ने शहर के विभिन्न स्थलों का दौरा किया और शहरवासियों से साफ-सफाई से जुड़े हुए कई सवाल पूछे. इन सवालों का जवाब देने पर राजधानी को 450 अंक िमलने थे. वहीं, लोगों से गलत जवाब मिलने पर इसमें नेगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान किया गया था.
टीम को दिये थे 1000 लाेगों के फोन नंबर
आम जनता से फीडबैक लिये जाने को लेकर नगर निगम द्वारा 1000 लोगों के फोन नंबर भी केंद्र की टीम को उपलब्ध कराये गये थे. इन नंबरों में से कुछ चुनिंदा लोगों से फोन पर संपर्क कर शहर के स्वच्छता से जुड़े हुए कई बिंदुओं की जानकारी ली थी.
2000 अंकों की थी प्रतियोगिता
केंद्र सरकार द्वारा आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण-2017 में प्रतियोगिता कुल 2000 अंकाें की थी, जो नगर निकायों को उनके कार्यों के आधार पर दिये जाने थे. इसके तहत 900 नंबर नगर निगम द्वारा की जा रही सफाई और कचरे के निष्पादन पर मिलने थे. इसके अलावा 500 नंबर केंद्र सरकार द्वारा चुनी गयी एजेंसी क्यूसीआइ के सर्वे के आधार पर मिलने थे. 450 नंबर पब्लिक फीडबैक और 150 अंक स्वच्छता एप के डाउनलोड करने पर दिये जाने थे.
एचबी रोड से चेशायर होम जाने वाली सड़क पर सीवरेज का पानी बह रहा है. इससे उठनेवाली बदबू से आसपास के इलाके में रहने वाले लोग तो परेशानी हैं ही, यहां से आने-जाने वाले लोगों को भी दिक्कत होती है. सबसे ज्यादा परेशान मार्निंग वाकर्स को हो रहा है. सुबह शुद्ध हवा के लिए टहलने निकलने वाले लोग उस रास्ते से गुजरना तक छोड़ दिया है.
हर बार बारिश के बाद यह समस्या खड़ी हो जाती है. हल्की बारिश होने पर भी सीवरेजका पानी सड़क पर आ जाता है. सड़क पर पानी आ जाने के बाद तो पैदल चलने वाले लोगों के लिए गुजरना मुश्किल हो जाता है. पानी जमा होने के कारण दीवार भी टूट जाती है, जिससे पानी खाली प्लाॅट में निकल जाता है. लेकिन जमीन मालिक द्वारा दीवार खड़ी कर देने पर समस्या फिर से शुरू हो जाती है.
खटाल व अपार्टमेंट वालों ने सीवरेज को नाली से जोड़ा : आसपास रहने वाले लोग एवं दुकानदारों का कहना है कि यहां स्थित एक खटाल और अपार्टमेंट के सीवरेज को नाली से जाेड़ दिया गया है, जिससे गंदा पानी सेप्टिक में आ कर जमा होजाता है. नगर निगम को कई बार शिकायत करने के बाद भी यहसमस्या जस की तस है. पिछले साल बरसात में समस्या विकट हो जाने पर निगम में लिखित शिकायत की गयी थी. डेला टोली जाने वाले रास्ते के मोड़ पर पाइप लगाया गया कि पानी सीवरेज में जा सके, लेेकिन इसके बाद भी कोई लाभ हुआ.