आपके खिलाफ क्यों नहीं चले अवमानना की कार्रवाई

हजारीबाग एसपी की कार्यशैली से हाइकोर्ट नाराज, कहा मामला केस डायरी प्रस्तुत नहीं करने का 13 जून को हाइकोर्ट में एसपी को सशरीर हाजिर होने का निर्देश अगली सुनवाई के पूर्व स्पष्टीकरण का जवाब देने का निर्देश रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनंत विजय सिंह की अदालत ने गुरुवार को अग्रिम जमानत याचिका (एबीए) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2017 6:23 AM
हजारीबाग एसपी की कार्यशैली से हाइकोर्ट नाराज, कहा
मामला केस डायरी प्रस्तुत नहीं करने का
13 जून को हाइकोर्ट में एसपी को सशरीर हाजिर होने का निर्देश
अगली सुनवाई के पूर्व स्पष्टीकरण का जवाब देने का निर्देश
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनंत विजय सिंह की अदालत ने गुरुवार को अग्रिम जमानत याचिका (एबीए) पर सुनवाई करते हुए हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी.
अदालत के बार-बार निर्देश देने के बावजूद अब तक मामले से संबंधित केस डायरी प्रस्तुत नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने एसपी को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया. एसपी को शो कॉज जारी करते हुए अदालत ने पूछा कि निर्देशों का अनुपालन नहीं होने पर आपके खिलाफ क्यों नहीं अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाये. मामले की अगली सुनवाई के पूर्व तक स्पष्टीकरण का जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. अदालत ने एसपी को निर्देश दिया कि जांच कर इस मामले में जो भी दोषी हो, उनके खिलाफ कार्रवाई करें. मामले की अगली सुनवाई 13 जून को होगी.
इससे पूर्व प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने बताया कि अदालत में प्रार्थी प्रकाश साव की अग्रिम जमानत याचिका पर 28 जुलाई 2016 को सुनवाई हुई. एक सितंबर 2016 को सुनवाई में आठ सप्ताह के अंदर केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया.
पांच दिसंबर को सुनवाई के दौरान केस डायरी पेश नहीं की गयी. 15 फरवरी 2017 को सुनवाई के दाैरान केस डायरी नहीं आने पर अदालत ने सिविल कोर्ट को शो कॉज जारी किया था. सिविल कोर्ट ने जवाब दिया कि आठ सितंबर 2016 व 19 दिसंबर 2016 को एसपी हजारीबाग को सूचना दे दी गयी थी. श्री सिकरवार ने कहा कि एसपी को जानकारी थी. एपीपी ने भी चार बार पत्र लिख कर केस डायरी प्रस्तुत करने को कहा था. केस डायरी प्रस्तुत नहीं करने पर प्रार्थी के जवाब को देखते हुए हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया.

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