नहर नहीं बना पा रहे हैं, तो पाइप लाइन से खेतों तक पानी पहुंचायें

निर्देश. मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा की, कहा अगले दो साल में पूरे राज्य में सिंचाई व पेयजल के लिए पानी पहुंचाने का लक्ष्य रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नहर की संभावना नहीं होने वाले क्षेत्रों में पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के निर्देश दिये हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2017 6:49 AM
निर्देश. मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के कार्यों की समीक्षा की, कहा
अगले दो साल में पूरे राज्य में सिंचाई व पेयजल के लिए पानी पहुंचाने का लक्ष्य
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नहर की संभावना नहीं होने वाले क्षेत्रों में पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने के निर्देश दिये हैं. जल संसाधन विभाग की समीक्षा करते हुए श्री दास ने पाइप लाइन बिछाने, बैराज निर्माण व जल वितरण का नेटवर्क तैयार करने पर एक साथ काम करने की जरूरत बतायी.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा : सरकार ने अगले दो साल में पूरे राज्य में सिंचाई व पेयजल के लिए पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. इसे पूरा करना ही होगा. संथाल परगना काफी पिछड़ा हुआ है. लोगों को योजनाओं से जोड़ना होगा. नहर या पाइप लाइन के लिए जमीन की जरूरत होने पर सीधे वहां के लोगों के साथ बात की जानी चाहिए. उनकी समस्याओं का पता कर निपटारा करना चाहिए. बिचौलियों को दूर रखने से काम में तेजी आयेगी. लोगों का विरोध भी नहीं होगा. मुख्यमंत्री ने विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं की जानकारी लेते हुए कहा कि ज्यादातर योजनाएं वर्षों पूर्व बनायी गयी हैं. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कई योजनाओं की उपयोगिता समाप्त हो गयी है.
बैठक में जल संसाधन मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित खरे, जल संसाधन के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, उद्योग सचिव सुनील कुमार बर्णवाल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
उद्योग नहीं लगाने वालों का पानी आवंटन रद्द करें
श्री दास ने बड़े उद्योगों पर बकाया वाटर टैरिफ संबंधित मामलों के त्वरित निष्पादन के निर्देश दिये. कहा कि उद्योग लगाने का कार्य शुरू नहीं करने वालों को एक माह का नोटिस देकर पानी का आवंटन रद्द करने की कार्यवाही की जाये. राज्य में उद्योगों की शुरुआत करने वाली कंपनियों को पानी आवंटित करने की कार्यवाही जल्द पूरी की जाये.
रांची. मुख्यमंत्री ने राज्य में टूरिज्म सर्किट बना कर काम करने के निर्देश दिये हैं. पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद व युवा कार्य विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने तारापीठ-मलूटी-बासुकीनाथ-देवघर सर्किट, बोधगया-इटखोरी सर्किट, रांची-रजरप्पा सर्किट और घाटशिला-डिमना-दलमा-चांडिल सर्किट तैयार कर सुविधाएं विकसित करने की जरूरत बतायी. उन्होंने टूरिज्म सर्किट में टूरिस्ट बसें चलाने के निर्देश दिये. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा : राज्य में पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं. यहां गुजरात व केरल से ज्यादा प्राकृतिक संसाधन हैं. परंतु, सही तरीके से पर्यटन स्थलों के विकास और प्रचार-प्रसार का अभाव है. झारखंड को विश्व के पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए समयबद्ध तरीके से काम पूरा करना होगा. पर्यटन उद्योग विकसित होने से राज्य विदेशी मुद्रा अर्जित कर सकेगा. स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
शुरू होगा हाई-वे टूरिज्म
पर्यटन सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि राज्य के डैम व फाल को विकसित करने का काम शुरू कर दिया गया है. संताल परगना के शिवगादी में रोपवे का काम जल्द शुरू कराने की योजना है. रांची-जमशेदपुर रोड में दिउड़ी मंदिर के पास हाई-वे टूरिज्म शुरू करने की योजना तैयार है. मई के तीसरे सप्ताह में बड़ा तालाब में विवेकानंद की प्रतिमा लगाने का काम शुरू हो जायेगा. पहाड़ी मंदिर में रोपवे के लिए अगस्त तक टेंडर निकालेगा.
जनजातीय महोत्सव : मुख्यमंत्री ने राज्य की सांस्कृतिक विरासत दुनिया तक पहुंचाने के लिए प्रत्येक वर्ष जनजातीय महोत्सव का आयोजन करने के निर्देश दिये.
खिलाड़ियों के नाम पर पुरस्कार : मुख्यमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्थानीय खिलाड़ियों के नाम पर पुरस्कार शुरू करने के निर्देश दिये हैं. कहा कि झारखंड की पहचान खेल से भी है. पूरे राज्य में खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा.
नुकसान की क्षतिपूर्ति राशि बढ़ायें
वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जानवरों से होने क्षति से संबंधित अन्य घटनाओं के लिए भी मुआवजा की पुनरीक्षित दरों को लागू करने के निर्देश दिये. श्री दास द्वारा स्वीकृत की गयी पुनरीक्षित दर के अनुसार प्रति हेक्टेयर क्षतिग्रस्त फसल के लिए मुआवजे की दर 10 से 25 हजार रुपये से बढ़ा कर 20-40 हजार रुपये होगी. इसी प्रकार क्षतिग्रस्त कच्चा एवं पक्का मकान के लिए मुआवजे की दर क्रमश: 75 व 30 हजार से बढ़ा कर 1.2 लाख होगी. गंभीर रूप से घायल के लिए मुआवजे की दर 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख और चोट के गंभीर नहीं होने पर मिलने वाला मुआवजा 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार कर दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने बरसात में अधिक से अधिक पौधरोपण के लिए हो इसके लिए लोगों को जागरूक करने का काम शुरू करने की जरूरत बतायी. जन-वन योजना के आवेदन पंचायत सचिवालय के माध्यम से लें.
एक ही ठेकेदार को नहीं मिले काम
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पथ निर्माण विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि टेंडर की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरतें. एक ही ठेकेदार को कई काम न मिले, इसे सुनिश्चित करें. इससे सरकार की छवि प्रभावित होती है. समय पर गुणवत्तापूर्ण काम पूरा करनेवाले ठेकेदार को ही काम दें.
किसी की मोनोपोली न रहे. जो ठेकेदार समय से काम नहीं कर रहे हैं, उन्हें डिबार किया जायेगा. काम की गुणवत्ता को जांचने के लिए कंसलटेंट नियुक्त करें. श्री दास गुरुवार को पथ निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नेशनल हाई-वे को राष्ट्रीय औसत तक लाने के लिए तीन साल का रोडमैप बनाये और इसपर समयबद्ध तरीके से कार्य करें. इस साल चाईबासा, लोहरदगा और पाकुड़ बाइपास का काम शुरू करें.
जहां-जहां इंडस्ट्रियल एरिया विकसित हो रहे है और नये उद्योग लग रहे हैं, वहां सड़क भी साथ ही साथ बनायें. पर्यटन स्थलों तक भी अच्छी सड़क बनायी जाये. शहरी क्षेत्र में सड़क के किनारे फेबर ब्लॉक का इस्तेमाल करें, जिससे धूल भी कम होगी और खूबसूरती भी बढ़ेगी. श्री दास ने कहा कि शहरों में काम की तलाश में आनेवाले मजदूरों के लिए सड़क किनारे कियोस्क बनाये जायें.
सभी को पेयजल उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता
लोगों को स्वच्छ व शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना हमारा ध्येय है. जहां दूषित जल पीने को लोग मजबूर हैं, वहां पाइपलाइन के माध्यम से स्वच्छ जल की व्यवस्था की जाये. खनिज उत्पादन वाले क्षेत्रों में इसकी पहले जरूरत है. ग्रामीण क्षेत्रों में जल सहिया को प्रोत्साहित करें, ताकि लोग अपने घर में वाटर कनेक्शन लें. काम में तेजी लाने और देखरेख के लिए एक्सपर्ट की नियुक्ति करें. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने यह निर्देश पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिये. उन्होंने कहा कि नेशनल हाइवे और स्टेट हाइवे पर जगह-जगह सामुदायिक शौचालय का निर्माण करें, ताकि सफर कर रहे लोगों को परेशानी न हो.

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