दिसंबर में बजट, जनवरी से शुरू होगा नया वित्तीय वर्ष : रघुवर दास
मुख्यमंत्री रघुवर दास का एलान रांची : झारखंड सरकार वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट इस साल दिसंबर में पेश करेगी. राज्य में अब वित्तीय वर्ष जनवरी से दिसंबर तक का होगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को इससे संबंधित घोषणा की. प्रोजेक्ट भवन में स्वच्छ भारत मिशन पर आयोजित सेमिनार में उन्होंने सभी उपायुक्तों को […]
मुख्यमंत्री रघुवर दास का एलान
रांची : झारखंड सरकार वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट इस साल दिसंबर में पेश करेगी. राज्य में अब वित्तीय वर्ष जनवरी से दिसंबर तक का होगा. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शुक्रवार को इससे संबंधित घोषणा की. प्रोजेक्ट भवन में स्वच्छ भारत मिशन पर आयोजित सेमिनार में उन्होंने सभी उपायुक्तों को बजटीय राशि दिसंबर माह तक हर हाल में खर्च करने का निर्देश दिया है. साथ ही दिसंबर में बजट पेश करने की अपनी मंशा
बता दी.
जनवरी में बजट पेश कर चुकी है सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा : इसके पहले हमने इस वित्तीय वर्ष का बजट जनवरी माह में ही पेश करके दिया था. अब सरकार निश्चय कर चुकी है कि दिसंबर माह में ही बजट पेश किया जायेगा. अंग्रेजों के शासनकाल से ही भारत में वित्तीय वर्ष अप्रैल से मार्च होता रहा है. पर अब इस परंपरा को समाप्त कर जनवरी से दिसंबर किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश के बाद दूसरा राज्य बना झारखंड
हाल ही में मप्र सरकार ने भी राज्य का वित्तीय वर्ष जनवरी से दिसंबर करने की घोषणा की है. ऐसा करनेवाला मध्य प्रदेश पहला राज्य बन गया है.
केंद्र कर रहा तैयारी
केंद्र में वित्तीय वर्ष जनवरी से दिसंबर करने पर विचार चल रहा है. इस संबंध में राज्यों से राय मांगी थी. झारखंड ने इस पर अपनी सहमति दे दी है.
1867 से है परंपरा
1867 में वित्तीय वर्ष मार्च से अप्रैल किया गया था. तर्क था कि गेहूं की फसल कटने के बाद आर्थिक चक्र के कारण वित्तीय वर्ष एक अप्रैल से शुरू किया जाये़
क्या-क्या चुनौतियां
जब तक केंद्र सरकार का वित्तीय वर्ष जनवरी से दिसंबर नहीं होगा, राज्यों में ऐसा लागू कर पाना चुनौतीपूर्ण होगा
केंद्र सरकार राज्यों को फिलहाल मार्च से अप्रैल तक के लिए पैसे उपलब्ध कराती है
केंद्र व राज्य को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से संबंधित कानूनों में संशोधन करना होगा
14 वें वित्त आयोग की सिफारिशें भी एक अप्रैल 2015 से पांच साल के लिए लागू कर दी गयी हैं. सिफारिशों में वित्तीय वर्ष की शुरुआत एक अप्रैल से होने का जिक्र है
संविधान के अनुच्छेद 367-(1) में संशोधन करना होगा. इसमें कहा गया है कि वह साल, जो एक अप्रैल के पहले दिन से शुरू होता हो, वित्तीय वर्ष है
इसके अलावा केंद्र को गवर्नमेंट अकाउंटिंग रूल्स, कपंनिज एक्ट, आयकर अधिनियम में भी संशोधन करना होगा