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नक्सलियों पर नकेल के लिए रांची में प्रवर्तन निदेशालय की हो स्थापना : रघुवर दास

नयी दिल्ली : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज नक्सलवाद व आंतरिक सुरक्षा पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित बैठक में राज्य के मुद्दाें को जोरदार ढंग से उठाया. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार की पहल के बाद नक्सली गतिविधियों में आयी कमी का उल्लेख किया. रघुवर दास ने […]

नयी दिल्ली : झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आज नक्सलवाद व आंतरिक सुरक्षा पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित बैठक में राज्य के मुद्दाें को जोरदार ढंग से उठाया. साथ ही उन्होंने राज्य सरकार की पहल के बाद नक्सली गतिविधियों में आयी कमी का उल्लेख किया. रघुवर दास ने बताया कि राज्य सरकार की बेहतर नीति से नक्सल समस्या पर लगाम लगाने में सफलता मिली है. रघुवर दास ने केंद्र से यह भी मांग की कि नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने के लिए रांची में प्रवर्तन निदेशालय की स्थापना हो. उन्होंने राज्य में नक्सल गतिविधि की हवाई निगरानीइकाई की स्थापना की भी मांग की.

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मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पीएफआइ प्रभावित साहेबगंज व पाकुड़ में मदरसों का आधुनिकीकरण किया जाये. उन्होंने कहा कि सर्वांगीण विकास से निबटने में राज्य को कामयाबी मिली है. उन्होंने कहा कि 2001-14 की तुलना में 2015-16 में होने वाली नक्सली घटनाएं कमी हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्थक एवं कारगर अभियान के फलस्वरूप झारखंड राज्यमें नक्सली जनाधार काफी कम हुआ है. 2001-14 में प्रतिवर्ष नक्सली गतिविधियों की औसत संख्या 400 थी, वहीं 2015-16 में यह 200 हुई है.

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2001-14केदौरान औसतन प्रतिवर्ष 35 पुलिसकर्मी और 115 आम नागरिक मारे जाते थे. बीते दो वर्षों में यह संख्या क्रमश: औसत पांच व 50 के करीब हो गयी है. पुलिस हथियार लूट की पहले औसत संख्या सालाना 39 थी जो अब घट कर शून्य हो गयी है. उन्होंने कहा कि 2001-14 के बीच 70 उग्रवादियाें ने समर्पण किया ओर 2015 में 65 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया.

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