पहल: ड्रग कंट्रोलर जेनरल से किया जायेगा आग्रह, एनपीपीए के दायरे में लायें हड्डी इंप्लांट काे

रांची : राज्य औषधि निदेशालय जल्द ही ड्रग कंट्रोलर जेनरल (औषधि महानियंत्रक भारत सरकार) को हड्डी इंप्लांट के नाम पर मनमाना पैसा वसूलने की जानकारी देगा. यह जानकारी संयुक्त निदेशक औषधि सुरेंद्र प्रसाद ने दी है. उन्होंने बताया कि ड्रग कंट्रोलर जेनरल को राज्य के विभिन्न अस्पतालों में की गयी जांच के आधार पर तैयार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 13, 2017 7:17 AM
रांची : राज्य औषधि निदेशालय जल्द ही ड्रग कंट्रोलर जेनरल (औषधि महानियंत्रक भारत सरकार) को हड्डी इंप्लांट के नाम पर मनमाना पैसा वसूलने की जानकारी देगा. यह जानकारी संयुक्त निदेशक औषधि सुरेंद्र प्रसाद ने दी है. उन्होंने बताया कि ड्रग कंट्रोलर जेनरल को राज्य के विभिन्न अस्पतालों में की गयी जांच के आधार पर तैयार रिपोर्ट भी भेजी जायेगी.

साथ ही यह आग्रह भी किया जायेगा कि हड्डी इंप्लांट को अगर नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग ऑथिरिटी (एनपीपीए) में शामिल कर दिया जाये, तो मरीजों को काफी लाभ होगा.


श्री प्रसाद ने बताया कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में की गयी जांच में यह पाया गया कि मरीजों से हड्डी इंप्लांट के लिए वास्तविक मूल्य से अधिक पैसा वसूला जाता है. हड्डी इंप्लांट के वास्तविक मूल्य और एमआरपी में काफी अंतर होता है, जिसकी वजह से अस्पताल मरीजों से अपने हिसाब से पैसा लेते हैं. ऐसे में इसकी अधिकतम राशि का निर्धारण जरूरी है. औषधि महानियंत्रक को यह बताया जायेगा कि जिस तरह स्टेंट की राशि का निर्धारण किया गया है, उसी तरह हड्डी इंप्लांट की राशि भी तय कर दी जाये.
प्रभात खबर ने उठाया था मुद्दा
गौरतलब है कि प्रभात खबर द्वारा हड्डी इंप्लांट के नाम पर मरीजों से अधिक पैसा वसूलने से संबंधित खबर प्रकाशित की गयी थी. इसके बाद राज्य सरकार के आदेश पर राज्य औषधि निदेशालय ने जांच टीम गठित की थी. जांच में यह पाया गया था कि अस्पताल मरीजों से अधिक पैसा वसूलते है. मरीजों को इंप्लांट का बिल भी नहीं दिया जाता है. सप्लायर अस्पतालों को अलग-अलग बिल देते हैं.

Next Article

Exit mobile version