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सीएम रघुवर दास ने अनुज सिन्हा के तीन किताबों का किया विमोचन

undefined रांची : आर्यभट्ठ सभागार में आज वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिन्हा की तीन पुस्तकों का विमोचन हुआ. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद व वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश, प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चुतर्वेदी. प्रधान सचिव संजय प्रभात प्रकाशन के प्रमुख पियूष सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे. पुस्तक विमोचन के बाद पहली प्रति अनुज […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 14, 2017 2:12 PM

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रांची : आर्यभट्ठ सभागार में आज वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिन्हा की तीन पुस्तकों का विमोचन हुआ. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद व वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश, प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चुतर्वेदी. प्रधान सचिव संजय प्रभात प्रकाशन के प्रमुख पियूष सहित कई गणमान्य अतिथि मौजूद रहे. पुस्तक विमोचन के बाद पहली प्रति अनुज सिन्हा ने अपनी मां को समर्पित किया. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शॉल ओढ़ाकर अनुज सिन्हा की मां को सम्मानित किया. मदर्स डे के दिन पुस्तक लोकापर्ण पर उन्होंने खुशी जतायी. अनुज सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि मैं कभी अकेला नहीं रहा मेरी मां हमेशा मेरे साथ रही है. उनके आशीर्वाद के दम पर ही आज मैं यहां तक पहुंच पाया हूं.
वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा ने तीनों पुस्तकों से परिचय कराते हुए कहा कि अनसंग हीरो ऑफ झारखंड मुवमेंट अंग्रेजी में है. उन लोगों के लिए है जो झारखंड के बाहर हैं या अंग्रेजी में झारखंड के इतिहास को जानना चाहते हैं. इस पुस्तक को लिखना इसलिए भी जरूरी था क्योंकि एक बड़ा वर्ग भाषा के कारण झारखंड के इतिहास से परिचित नहीं है. दूसरी पुस्तक है झारखंड की राजनीति और हालात, अनुज सिन्हा ने इस किताब का जिक्र करते हुए कहा, झारखंड के लोगों को यह किताब जरूर पढ़नी चाहिए.
तीसरी किताब पर अनुज सिन्हा ने कहा, यह पुस्तक मेरे दिल की करीब है उन्होंने इस किताब की परिकल्पना के पीछे की कहानी बतायी कि कैसे अपने परिवार के साथ कहीं जाते वक्त उन्हें रास्ते में सड़क निर्माण कि लिए बरगद का पेड़ काटते हुए देखा. इस घटना ने उनके दिल पर गहरा प्रभाव डाला. यहीं से इस किताब की परिकल्पना उनके दिमाग में आयी. अनुज सिन्हा ने इसे परिवार, प्रकृति और परंपरा से जोड़ते हुए इस पुस्तक को लिखा है.
प्रभात प्रकाशन के प्रमुख डॉ पीयूष कुमार ने लोकापर्ण समारोह में झारखंड में लेखकों की बढ़ती संख्या और इतिहास पर बढ़ते लेखन पर खुशी जताते हुए कहा कि ऐसे कई पत्रकार लेखक है जों झारखंड के इतिहास और यहां की जीवन शैली पर जो दे रहे हैं. पीयूष ने कहा, ऐसे लेखकों को मौका देकर अच्छा लगता है जो लिखना चाहते हैं और लिख रहे हैं.
इस कार्यक्रम में प्रभात खबर के पूर्व संपादक और राज्यसभा सांसद हरिवंश भी मौजूद थे. हरिवंश ने पुस्तक के लिए अनुज सिन्हा को बधाई देते हुए अपनी बात रखी, बरगद बाबा का दर्द पुस्तक की चर्चा करते हुए उन्होंने कई लेखकों का जिक्र किया और बताया कि पेड़ पौधों में भी जान है, झारखंड कैसे प्राकृतिक स्तर पर बदल रहा है. इस मौके पर उन्होंने राजनीति और हालात पुस्तक का भी जिक्र किया. विधायकों के वेतन बढोत्तरी, विधायक फंड पर भी सवाल किये. पुराने दौर की राजनीति का जिक्र करते हुए हरिवंश ने कई ऐसे मुद्दों का जिक्र किया जिस पर चर्चा होनी चाहिए.
प्रभात खबर के संपादक आशुतोष चतुर्वेदी ने वरिष्ठ पत्रकार अनुज सिन्हा की ऊर्जा का जिक्र करते हुए कहा कि इनमें कमाल की क्षमता है लिखना , पत्रकारिता करना एक साथ आसान नहीं होता. अनुज युवा पत्रकारों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. इनके साथ काम करके मैंने झारखंड को और बेहतर ढंग से समझा है. उन्होंने पहले भी दो किताबें लिखी हैं जब मैं झारखंड आया तो उन्होंने मुझे दोनों किताबें दीं. इनके साथ झारखंड में कई जगहों पर साथ यात्रा करने का मौका मिला इससे मुझे पता चला कि झारखंड को लेकर इन्हें बहुत बारीक जानकारियां हैं. अनुज सिन्हा के काम की तारीफ करते हुए इन्होंने कहा छुट्टी के दिन भी अगर कोई बड़ी खबर आती है तो अनुज दफ्तर आ जाते हैं. अगर हमें अपने साथियों में ऊर्जा भरना होता है तो हम अनुज को बोल देते हैं. इनके साथ काम करने का अलग आनंद हैं राजनीति, खेल, और मानवीय संवेदना पर बहुत कम पत्रकार अच्छा लिखते हैं.
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पुस्तक विमोचन के बाद लोगों को संबोधित किया. उन्होंने अपने और अनुज सिन्हा के बेहतर रिश्तों का परिचय देते हुए कहा कि मैं इन्हें लंबे वक्त से जानता हूं. जमशेदपुर में इन्होंने शानदार पत्रकारिता की है उस दौरान मैं भी इन्हें नजदीक से देखता रहा हूं. मैंने लोकापर्ण से पहले ही पुस्तक मंगवा कर पढ़ी अच्छी पुस्तकें हैं खासकर राजनीति से संबंधित पुस्तक तो आप सभी को पढ़नी चाहिए. मीडिया की झारखंड निर्माण में भूमिका और उसके योगदान की चर्चा करते हुए रघुवर दास ने कहा, मीडिया को झारखंड निर्माण में भूमिका निभानी चाहिए. सिर्फ आलोचनाओं से काम नहीं चलेगा सकारात्मक भूमिका निभानी होगी. लोकतंत्र मे आलोचना होनी चाहिए लेकिन सकारात्मक होनी चाहिए. उन्होंने इस मौके पर प्रकृति के महत्व और ताजा राजनीतिक हालात का भी विस्तार से जिक्र किया. उन्होंने झारखंड के विकास की बात की और कहा किसी को चुनिये लेकिन बहुमत की सरकार चुनिये. कुछ सालों में झारखंड विकसित राज्यों में होगा यहां अपार संभावनाएं हैं.

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