राज्य में 56,419 खराब ट्यूबवेल बनाये गये
विभाग की प्रोग्राम मॉनिटरिंग यूनिट की तरफ से जारी की गयी रिपोर्ट रांची : पेयजल और स्वच्छता विभाग की तरफ से तीन महीने में राज्य भर में 56419 खराब ट्यूबवेल की मरम्मत करायी गयी. झारखंड उच्च न्यायालय और मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के निर्देश पर यह आंकड़े रविवार को जारी किये गये. विभाग के प्रोग्राम […]
विभाग की प्रोग्राम मॉनिटरिंग यूनिट की तरफ से जारी की गयी रिपोर्ट
रांची : पेयजल और स्वच्छता विभाग की तरफ से तीन महीने में राज्य भर में 56419 खराब ट्यूबवेल की मरम्मत करायी गयी. झारखंड उच्च न्यायालय और मुख्य सचिव राजबाला वर्मा के निर्देश पर यह आंकड़े रविवार को जारी किये गये.
विभाग के प्रोग्राम मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) की तरफ से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएचइडी के 34 प्रमंडलों में एक फरवरी 2017 से लेकर शनिवार तक कुल 54410 शिकायतें दर्ज की गयीं.
इस दौरान मुख्यालय में बनाये गये कंट्रोल रूम में 917 शिकायतें दर्ज की गयीं, जिनमें से 726 का निबटारा किया गया. जिला स्तर पर दर्ज शिकायतों से अधिक ट्यूबवेल की मरम्मत विभाग की तरफ से की गयी है. पीएमयू निदेशक श्वेताभ कुमार ने कहा कि राज्य स्तर पर शिकायतों के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. टॉल फ्री नंबर 18003456502 और मोबाइल संख्या 970176901 पर शिकायतें भी दर्ज की जा रही हैं. यह नियंत्रण कक्ष सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक कार्य करता है. उन्होंने कहा कि गरमी के मौसम में सभी जिलों और प्रमंडलों में युद्ध स्तर पर खराब पड़े ट्यूबवेल की मरम्मत करायी जा रही है. राज्य, जिला और प्रमंडल स्तर पर ट्यूबवेल मरम्मत के लिए कंट्रोल रूम बनाये गये हैं.
उन्होंने बताया कि सबसे अधिक शिकायतें हजारीबाग जिले से और सबसे कम लोहरदगा से दर्ज करायी गयीं. उन्होंने बताया कि सभी जिलों में प्रतिदिन कनीय अभियंता, सहायक अभियंता और कार्यपालक अभियंताओं को अपने क्षेत्रों का दौरा करने का निर्देश दिया गया है. ग्रामीण इलाकों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की जवाबदेही भी इन्हें सौंपी गयी है.