रिम्स का हाल : चालू हालत में थे पुराने पंखे, बदल कर घटिया क्वालिटी वाले लगाये

रिम्स राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से लेकर विभाग के आला अधिकारियों तक की नजर हमेशा इस अस्पताल की व्यवस्था पर रहती है. इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर होनेवाली गलतियों की वजह से यहां के मरीजों को आये दिन परेशानी होती रहती है, जिससे रिम्स की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिह्न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2017 6:18 AM
रिम्स राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है. मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से लेकर विभाग के आला अधिकारियों तक की नजर हमेशा इस अस्पताल की व्यवस्था पर रहती है. इसके बावजूद प्रशासनिक स्तर पर होनेवाली गलतियों की वजह से यहां के मरीजों को आये दिन परेशानी होती रहती है, जिससे रिम्स की प्रतिष्ठा पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो जाता है.
रांची : रिम्स के वार्डों में भरती मरीज और छात्रावास में रहनेवाले मेडिकल के छात्र इन दिनाें भीषण गरमी से परेशान हैं. विभिन्न वार्डों और छात्रावास में पुराने पंखों को बदल कर करीब 600 नये पंखे लगाये गये हैं, लेकिन वे बार-बार खराब हो जा रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि नये खरीदे गये पंखे लोकल और घटिया क्वालिटी के हैं, जिसकी वजह से यह समस्या आ रही है. खास बात यह है कि इन पंखों की खरीद रिम्स की परचेज कमेटी की सिफारिश पर हुई थी.
रिम्स के वार्डों और छात्रावास से जिन पुराने पंखों को हटाया गया, वे चालू हालत में थे. इसके बावजूद प्रबंधन ने उन पंखों को पुराना, भारी और सुरक्षा के दृष्टिकोण से खतरनाक बता कर हटवा दिया. अब जो लोकल पंखे लगाये गये हैं, उनमें बार-बार खराबी आ जा रही है. वार्ड में भरती मरीजों के परिजनों की शिकायत है.
कि बिजली कर्मचारी खराब पंखाें को बनाने के लिए ले जाते हैं, लेकिन तीन से चार दिन बाद लगाते है. तब तक मरीजों को गरमी झेलनी पड़ती है. कमोबेश यही स्थिति छात्रावास में रहनेवाले छात्रों की भी है.
24 घंटे लगातार नहीं चलाया जा सकता है लाेकल पंखा : बिजली के उपकरणों के जानकार बताते हैं
कि अस्पताल ऐसी जगह है, जहां गरमी के मौसम में 24 घंटे पंखा चलता है. ऐसे में यहां अच्छी कंपनी के पंखे लगाये जाने चाहिए थे, लेकिन फिलहाल जो नये पंखे रिम्स में लगाये गये हैं, वे लगातार 24 घंटे नहीं चलाये जा सकते हैं. अगर ऐसा किया गया,
तो पंखे का क्वायल जल जायेगा. प्रबंधन को लोकल पंखा खरीदना ही नहीं चाहिए था.
अधीक्षक के आदेश के बावजूद नहीं बना आइसीयू का पंखा : बीते शुक्रवार को रिम्स अधीक्षक महत्वपूर्ण वार्डों का निरीक्षण कर रहे थे. उस दौरान उन्होंने कई जगहों पर खराब पड़े पंखे मिले थे. आइसीयू का पंखा भी खराब था. अधीक्षक ने बिजली विभाग को पंखाें को दुरुस्त करने आदेश दिया था. इसके बावजूद अब भी कई जगहों के पंखे खराब ही हैं.
अधीक्षक डॉ एसके चौधरी से सीधी बातचीत
लोकल पंखे क्यों खरीदे गये, जो खराब हाे रहे हैं?
रिम्स में जिस चीज की भी खरीदारी होती है, उसके लिए एक प्रक्रिया अपनायी जाती है. परचेज कमेटी ने पूरी पड़ताल के बाद ही इसकी खरीद का निर्णय लिया होगा. जािहर है उसी के हिसाब से पंखाें की खरीद की गयी हाेगी.
परचेज कमेटी में किस आधार पर घटिया क्वालिटी के सामान की खरीद को मंजूरी दे दी? क्या इसकी निगरानी नहीं होती है?
परचेज कमेटी में कंपनियां तकनीकी जानकारी देती हैं. कमेटी के सदस्य तकनीकी टेंडर की बैठक में क्वालिटी की जांच करते हैं. इसके आधार पर ही सामान की गुणवत्ता तय होती है. देखते हैं क्या मामला है.

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