डिस्टिलरी तालाब के सौंदर्यीकरण में हो रही गड़बड़ी, जांच करायें : मेयर

कोकर के डिस्टिलरी तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य की प्रगति से रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा काफी नाराज हैं. बीते शुक्रवार को मेयर ने खुद डिस्टिलरी तालाब का मुआयना किया था और निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर आपत्ति जतायी थी. उसी वक्त उन्होंने कहा था कि वे संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 16, 2017 6:22 AM
कोकर के डिस्टिलरी तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य की प्रगति से रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा काफी नाराज हैं. बीते शुक्रवार को मेयर ने खुद डिस्टिलरी तालाब का मुआयना किया था और निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर आपत्ति जतायी थी. उसी वक्त उन्होंने कहा था कि वे संबंधित लोगों पर कार्रवाई की जायेगी. साथ ही सरकार से इसकी शिकायत करेंगी. इसी कड़ी में मेयर ने सोमवार को नगर आयुक्त प्रशांत कुमार को एक पत्र लिखा है.
रांची : मेयर ने नगर आयुक्त को लिखे पत्र में कहा है कि डिस्टिलरी तालाब के सौंदर्यीकरण में ठेकेदार एकरारनामा के विपरित कार्य कर रहा है. कार्य पूर्ण करने की समय सीमा समाप्त हो चुकी है. इसके बावजूद अब तक केवल 35 प्रतिशत काम ही हो पाया है.

तालाब के डीपीआर में डीप बोरिंग कराने की बात कही गयी थी, जबकि ठेकेदार ने चार इंच की बोरिंग करवायी है. सौंदर्यीकरण कार्य के तहत डिस्टिलरी तालाब के पास पार्किंग स्थल बनाया जाना था, लेकिन ठेकेदार ने अब तक यह भी नहीं बनवाया है. इस प्रकार से यह साबित हो रहा है कि तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य में भारी गड़बड़ी बरती जा रही है. ऐसी स्थिति में तालाब सौंदर्यीकरण कार्य का देखरेख करनेवाले अभियंताओं पर कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही संबंधित ठेकेदार को किसी प्रकार की राशि का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए. इधर डिप्टी मेयर इस मामले में मेयर के विरोध में खुलकर सामने आ गये हैं. उन्होंने काम बाधित करने को उचित नहीं कहा है.
डिस्टिलरी तालाब की जमीन पर मार्केट बनाने का किया विरोध, मेयर को सौंपा गया ज्ञापन
इंपावर झारखंड और झारखंड नवनिर्माण मंच का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को मेयर आशा लकड़ा से मिलाडिस्टिलरी तालाब की जमीन पर प्रस्तावित मार्केट के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया कि सौंदर्यीकरण के नाम पर शहर के जल स्रोतों को खत्म जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है. प्रतिनिधिमंडल ने मेयर से कहा कि बिरसा मुंडा का समाधि स्थल झारखंड के लोगों के जनभावना से जुड़ा हुआ है. इससे सटाकर फिश और मुरगा मार्केट का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए. निगम ने भी जो नियमावली बनायी है, उसमें धार्मिक स्थलों के 100 मीटर के आसपास में इस तरह की दुकानें चलाने पर पाबंदी है. प्रतिनिधिमंडल में आदित्य विक्रम जायसवाल, राजीव रंजन प्रसाद, राजेश सिन्हा सन्नी, राहुल रे आदि उपस्थित थे.

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