सीएम ने आदिवासियों, मूलवासियों को बरबाद करने की ठान रखी है : मोरचा

रांची : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने सीएम के उस बयान को अहंकारी व निरंकुश बताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक वापस नहीं होगा, जबकि भाजपा के ही प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, सांसद कड़िया मुंडा व रामटहल चौधरी के अनुसार संशोधन पर विचार हो सकता है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2017 6:47 AM
रांची : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोरचा ने सीएम के उस बयान को अहंकारी व निरंकुश बताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक वापस नहीं होगा, जबकि भाजपा के ही प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, सांसद कड़िया मुंडा व रामटहल चौधरी के अनुसार संशोधन पर विचार हो सकता है, जनहित में संशोधनों पर पुनर्विचार जरूरी है़ सीएम के बयान से पूरे राज्य की जनता स्तब्ध है़ .

मुख्यमंत्री ने आदिवासी- मूूलवासी समाज को नेस्तनाबूद करने की ठान ली है़ मोरचा के डॉ करमा उरांव, देवकुमार धान, प्रेमशाही मुंडा, अभय भुटकुंवर, बुधुवा उरांव, रायमनी मुंडा, दिनेश उरांव व जीटा उरांव ने गंगा आश्रम में कहा कि झारखंड की आदिवासी और मूलवासी जनता इसके खिलाफ अंतिम सांस तक लड़ेगी़.

उन्होंने सेंट्रल यूनिवर्सिटी ब्रांबे में एक आदिवासी शिक्षिका को वीसी व कुछ शिक्षकों द्वारा प्रताड़ित किये जाने के मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है़ मोरचा इस मुद्दे पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय जनजाति आयोग को स्मार पत्र देगा. उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीति के कारण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़ी जातियों को जाति और अवासीय प्रमाण पत्र समय पर उपलब्ध नहीं हो रहे, जिससे वे नौकरियों व छात्रवृत्ति के लिए आवेदन नहीं दे पाते है़ं

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