रांची : बिहार के मुख्यमंत्री व जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार आज रांची पहुंचे हैं. वे मोरहाबादी मैदान में आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से राज्य सरकार के खिलाफ आयोजित रैली में शामिल हुए. रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे आश्चर्य हुआ जब यहां पहली बार गैर आदिवासी मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा कि हालांकि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन जब गैर आदिवासी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाना था तो झारखंड का गठन क्यों हुआ, तब तो यह बिहार में ही ठीक था.
नीतीश कुमार ने कहा कि मेरे मन में यहां के मुख्यमंत्री के लिए कोई द्वेष नहीं है, न ही कोई दुराग्रह है. उन्होंने कहा कि हमलोगों ने झारखंड गठन का समर्थन किया. लेकिन, मुझे लगता है कि झारखंड की पहचान से छेड़छाड़ की गयी है. उन्होंने कहा कि छोटानागपुर व संताल परगना काश्तकारी अधिनियम से छेड़छाड़ की गयी है. यह उनकी सुरक्षा से जुड़ा विषय है. नीतीश कुमार ने कहा कि सबलोगों ने मिल कर इसे हासिल किया था.
तिलकामांझी, सिदो-कान्हो, शेख भिखारी आदि के संघर्ष व शहादत के बाद अंग्रेजों के समय कानून बना था. उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट में हुए संशोधन के खिलाफ लड़ाई को उनका पूरा समर्थन है. उन्होंने कहा कि अहिंसक लड़ाई में हमेशा जीत होती है. नीतीश कुमार ने कहा कि आदिवासी हितों के लिए लड़ाई जारी रहेगी.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में शराबबंदी को गजब का समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज भी नहीं चाहता कि शराब का सेवन हो. उन्होंने शराबबंदी से राजस्व नुकसान की बातों को खारिज किया और कहा कि ये बातें बेकार है. उन्होंने कहा कि लोगों की सेहत के लिए शराबबंदी की गयी है.
इस रैली के मुख्य आयोजक आदिवासी सेंगेल अभियान के नेता व पूर्व सांसद सालखन मुर्मू हैं. वे पिछले दिनों रैली में नीतीश कुमार को आमंत्रित करने के लिए पटना में उनसे मिले भी थे.